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झाबुआ में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कांग्रेस नेता गिरफ्तारी के बाद रिहा
झाबुआ, (मप्र) : झाबुआ में कोतवाली पुलिस थाने के बाहर पिछले 19 घंटों से अनिश्चतकालीन धरना आंदोलन कर रहे मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवीयर मेडा सहित अन्य कांग्रसियों को पुलिस ने आज सुबह गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें रिहा कर […]
झाबुआ, (मप्र) : झाबुआ में कोतवाली पुलिस थाने के बाहर पिछले 19 घंटों से अनिश्चतकालीन धरना आंदोलन कर रहे मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, कांग्रेस के पूर्व विधायक जेवीयर मेडा सहित अन्य कांग्रसियों को पुलिस ने आज सुबह गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें रिहा कर दिया गया.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं ने कल से यहां कोतवाली थाने के मुख्य दरवाजे के ठीक बाहर अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन शुरु कर दिया था.चौहान ने भोपाल में बयान दिया था कि पेटलावद विस्फोट का आरोपी राजेन्द्र कसावा, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ विक्रांत भूरिया का नजदीकी मित्र है.
गत 12 सितंबर की सुबह कारोबारी कसावा के पेटलावद में न्यू बस स्टैण्ड इलाके में स्थित दो मंजिला एक मकान में भारी मात्रा में रखी हुई खनन कार्यो में प्रयुक्त होने वाली जिलेटिन छडों में हुए जोरदार विस्फोट से 89 लोग मारे गए थे. कसावा पर एक लाख रुपये का ईनाम घोषित किया गया है.जिले के पुलिस अधीक्षक जीजी पांडे ने ‘भाषा’ को बताया कि यादव, भूरिया और मेडा को दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 151 के तहत आज सुबह गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किये गये कांग्रेस नेताओं को अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) सैयद अशफाक अली की अदालत में पेश किया किया, जहां से जरुरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उन्हे रिहा कर दिया गया.भूरिया ने कहा ‘‘चौहान ने भोपाल में संवाददाताओ के समक्ष कसावा को मेरे पुत्र का नजदीकी मित्र बताया था जो पूरी तरह आधारहीन बात है.” उन्होंने स्पष्ट किया ‘‘मेरे पुत्र का राजेन्द्र कसावा नामक एक मित्र है लेकिन वह तीस साल का है और वह पेटलावद में नहीं बल्कि झाबुआ में रहता है”.
उन्होंने कहा कि जब पुलिस राज्य सरकार के दबाव में कल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के खिलाफ इस बात के लिए प्रकरण कायम कर सकती है कि उन्होने राजेन्द्र कसावा को आरएसएस का कार्यकर्ता बताया था तो फिर नंदकुमार सिंह चौहान के खिलाफ प्रकरण कायम क्यों नहीं किया जा सकता.भूरिया ने कहा ‘‘हम तब तक अपना आंदोलन जारी रखेंगे जब तक पुलिस नंदकुमार के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करती है.”
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