नेताजी से जुड़ा चौंकाने वाला वीडियो, राजौरी के डलहौरी गांव में रहे थे 17 साल

जम्मू : ममता बनर्जी सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुडी 64 फाइलें सार्वजनिक किये जाने से देश में एक बार फिर नेताजी पर बहस का दौर तेज हो गया है. इस मुद्दे पर बढी राजनीतिक गहमागहमी के बीच जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के डलहौरी गांव के ग्रामीणों ने चौंकाने वाला दावा किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2015 5:31 PM
जम्मू : ममता बनर्जी सरकार द्वारा नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुडी 64 फाइलें सार्वजनिक किये जाने से देश में एक बार फिर नेताजी पर बहस का दौर तेज हो गया है. इस मुद्दे पर बढी राजनीतिक गहमागहमी के बीच जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के डलहौरी गांव के ग्रामीणों ने चौंकाने वाला दावा किया है. वहां के ग्रामीणों ने दावा किया है कि एक संत पुरुष यहां 17 साल तक रहे थे. उनका निधन 1987 में हो गया. उनका दावा है कि वे महापुरुष नेताजी सुभाष चंद्र बोस थे. ग्रामीणों का कहना है कि वे गांव की पहाडी पर रहते थे, जहां हर किसी को जाने की अनुमति नहीं थी. राजौरी के विधायक उमर हुसैन ने मीडिया के सवाल पर कहा है कि हां, यह जांच होनी चाहिए कि वे शख्स थे कौन.
ग्रामीणों ने वहां एक स्मारक बना कर रखा है और हर साल उस शख्स की स्मृति में एक विशाल भंडारा का आयोजन किया जाता है. स्थानीय ग्रामीण गुरुदेव सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार से मांग की है कि उस महापुरुष के अस्थी की डीएनए जांच होनी चाहिए, ताकि यह पता चल सके कि वे नेताजी थे या कोई और. वहां एक मंदिर भी है. उस संत पुरुष के जीवन से जुडी बहुत सारी चीजों वहां म्यूजियम में रखी गयी हैं और ग्रामीण बहुत गरिमापूर्ण ढंग से उसकी व्यवस्था संभालते हैं.
स्थानीय सरपंच संजीव मांगू ने मीडिया से कहा है कि वे संत पुरुष जब यहां रहा करते थे, तब उनके पास जाने की हर किसी को अनुमति नहीं थी. मेरे दादा जी से उनकी पहचान थी और वे वहां तक जा सकते थे. उनके साथ 10-11 साल की उम्र में मैं कई बार उनके पास गया था. संजीव का यह भी दावा है कि उस समय वहां फौज की गाडियां आती थी और बहुत सारे लोग उनसे मिलने आते थे. कभी-कभी रात में हेलीकॉप्टर भी उतरता था. बहरहाल, यह खुलासा तो जांच व डीएनए सैंपल से ही हो सकेगा कि वे महापुरुष थे कौन?

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