कांग्रेस ने मोदी पर किया पलटवार, कहा प्रधानमंत्री करते हैं गलत प्रचार

नयी दिल्ली: कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ अभियान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने आज संप्रग सरकार के दौरान खोले गये 24 करोड बैंक खातों की बात को स्वीकार नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 18, 2015 9:27 PM
नयी दिल्ली: कांग्रेस के ‘गरीबी हटाओ’ अभियान पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने आज संप्रग सरकार के दौरान खोले गये 24 करोड बैंक खातों की बात को स्वीकार नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा. कांग्रेस ने उन पर ‘‘गलत प्रचार” करने का भी आरोप लगाया.चिदम्बरम ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘वाराणसी में, प्रधानमंत्री एक बार फिर संप्रग सरकार के दौरान 24 करोड नो फ्रिल बैंक खाते खोले जाने की बात को स्वीकार करने में विफल रहे, जो जनधन योजना का प्रणेता था.”
पार्टी महासचिव शकील अहमद ने कांग्रेस ब्रीफिंग के दौरान प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी और उनकी सरकार ने बस इतना किया है कि योजना का नाम बदला है और संप्रग सरकार के दौरान शुरु की गई ‘‘स्वाभिमान” योजना को ‘‘जनधन” योजना के रुप में आगे बढाया है.अहमद ने आरोप लगाया कि मोदी संप्रग सरकार के दौरान शुरु की गई योजनाओं का नाम बदलने के मामले में माहिर हो गये हैं.प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नौ महीने बाद वाराणसी की यात्रा करने के लिए अपनी असफलताओं का हिसाब देने की बजाय उन्होंने ‘गलत प्रचार’ किया.
अहमद ने कहा, ‘‘भारत की जनता को बुद्धू बनाने की बजाय उन्हें इस बात का जवाब देना चाहिए कि स्वच्छ भारत अभियान असफल क्यों हो रहा है…मराठवाडा के किसान क्यों मर रहे हैं…स्नातकोत्तर और डाक्टरेट चपरासी की नौकरी के लिए आवेदन क्यों कर रहे हैं…बहुचर्चित ‘पर ड्राप, पर क्राप’ और एक वर्ष में दो करोड नौकरियों के प्रधानमंत्री के दावों का क्या हुआ.
कांग्रेस का यह जवाबी हमला प्रधानमंत्री द्वारा आज वाराणसी की अपनी यात्रा के दौरान कांग्रेस के गरीबी हटाओ आंदोलन का मखौल उडाए जाने के बाद आया है, जिसमें मोदी ने आरोप लगाया कि वह लोग जो अपने पांच दशक के शासन में गरीबों की जिंदगियों में कोई वास्तविक बदलाव नहीं ला पाए और यहां तक कि उनके खाते तक नहीं खोल पाए अब उनकी सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version