पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दी कांग्रेस छोडने और नया संगठन बनाने की धमकी

भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने आज चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस साल के आखिर तक केंद्रीय नेतृत्व सुधारात्मक कदम नहीं उठाता है तो वह और उनके जैसी सोच रखने वाले अन्य नेता पार्टी छोड कर, भाजपा का मुकाबला करने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2015 2:03 PM
भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कार्यप्रणाली से नाराज चल रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री असलम शेर खान ने आज चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस साल के आखिर तक केंद्रीय नेतृत्व सुधारात्मक कदम नहीं उठाता है तो वह और उनके जैसी सोच रखने वाले अन्य नेता पार्टी छोड कर, भाजपा का मुकाबला करने के लिए एक नया संगठन बना लेंगे. खान ने कहा, ‘‘प्रदेश कांग्रेस में बहुत खराब स्थिति है, कांग्रेस नेतृत्व द्वारा वाजिब समस्याओं को भी अनसुना करने से कांग्रेसजन स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. यदि 31 दिसंबर तक स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ तो प्रदेश में भाजपा से मुकाबला करने के लिये हम कांग्रेस के समानान्तर एक नए दल का गठन करेंगे.
” प्रदेश में कांग्रेस की नई कार्यकारिणी समिति गठित होने से इसमें स्थान पाने से वंचित रहे गये अनेक पार्टी नेता असंतुष्ट बताये जाते हैं. हाकी के पूर्व ओलम्पिक खिलाडी रह चुके खान ने कहा ‘‘समय आ गया है कि अब कांग्र्रेसजनों को मध्यप्रदेश की जनता को प्रभावी और बेहतर विकल्प उपलब्ध कराने के लिये प्रयास करना होगा.”
उन्होंने कहा, ‘‘यदि 31 दिसंबर तक कांग्रेस नेतृत्व ने कोई सुधार नहीं किये तो हम प्रदेश में ‘‘समानांतर कांग्रेस” का गठन करेंगे और इसमें उच्च स्तर के नेताओं द्वारा विचार विमर्श के बाद चुनाव के काफी पहले मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जायेगा.” खान ने कहा, ‘‘यह बहुत जरुरी है कि चुनाव के पहले किसी को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाये, ताकि जनता के सामने विपक्षी दल की तुलना में अधिक प्रभाव पड सके. अन्यथा जैसा कि कांग्रेस में होता है चुनाव में किसी चेहरे के अभाव में बडे नेता आपस में लडाई शुरु कर देते हैं और अंतत इससे पार्टी को खामियाजा उठाना पडता है.”
खान ने कहा कि मुख्यमंत्री पद के साथ ही हम वर्ष 2017 में होने वाले प्रदेश के अगले विधानसभा चुनाव के सभी 230 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी चुनाव से काफी पहले कर देंगे. इससे नेताओं की आपसी खींचतान पर भी रोक लगेगी और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार के लिये पर्याप्त समय भी मिल सकेगा.
उन्होंने कहा कि जब पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र (तृणमूल कांग्रेस और राकांपा का संदर्भ देते हुए) में समानान्तर कांग्रेस चल सकती है तो मध्यप्रदेश में भी ऐसा किया जा सकता है. बस, इसके लिये इच्छाशक्ति, साफ उद्देश्य, मुहिम और अच्छी नीयत की जरुरत है.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मजबूत हो रही भगवा ताकतों से मुकाबला करने के लिये छत्तीसगढ, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक और तमिलनाडु सहित अनेक राज्यों में समानान्तर कांग्रेस गठित करने के पक्ष में एक सशक्त लहर चल रही है.
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव द्वारा कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी के गठन के बाद, इससे कथित तौर पर असंतुष्ट प्रदेश में कांग्रेस के एकमात्र मुस्लिम विधायक आरिफ अकील और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष माणक अग्रवाल ने पार्टी छोडने की चेतावनी दी जबकि कांग्रेस नेता अशमत सिद्दीकी के नेतृत्व में कुछ अन्य नेताओं ने यहां रोशनपुरा चौराहे पर धरना दिया था. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का ध्यान आकर्षित करने के लिये खान भी इस धरने में शामिल हुए थे.

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