प्याज गोलमाल के आरोपों से तिलमिलायी दिल्ली सरकार
नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने प्याज खरीदी में घपले के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में यह खबर चल रही है कि हमने 40 रुपये किलो प्याज खरीदा और दिल्ली की जनता को 30 रुपये किलो प्याज बेचा फिर भी हम पर आरोप लग रहा है कि प्याज […]
नयी दिल्ली : दिल्ली सरकार ने प्याज खरीदी में घपले के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों में यह खबर चल रही है कि हमने 40 रुपये किलो प्याज खरीदा और दिल्ली की जनता को 30 रुपये किलो प्याज बेचा फिर भी हम पर आरोप लग रहा है कि प्याज बेचने में हमारी सरकार ने मुनाफा कमाया.
क्या है मामला
आरटीआई का माध्यम से इस बात की जानकारी मिली कि केजरीवाल की सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए जनता को सस्ते दरों में प्याज उपलब्ध कराने का फैसला लिया था. केजरीवाल सरकार ने वो प्याज 18 रुपये प्रति किलोग्राम के दरों से प्याज खरीदी. जबकि दिल्ली सरकार ने इसे 40 रुपये में दिल्ली के जनता को बेचा.
इस खुलासे के बाद हलचल मच गयी और मीडिया के कई हिस्सों में दिल्ली सरकार की काफी आलोचना हुई. हालांकि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बात का खंडन किया.प्राप्त जानकारी के अनुसार दिल्ली सरकार ने 2500 मैट्रिक टन प्याज़ खरीदा और सिर्फ 600 मेट्रिक टन की बाज़ार में उतारा, बाकी का प्याज अभी तक बाज़ार में उतारा ही नहीं गया है.
याचिकाकर्ता विवेक गर्ग का दावा है कि ज्यादातर प्याज की खरीददारी 16-18 रुपये प्रति किलो की दर से की गई है. सिर्फ अंतिम में जो प्याज लिया गया है वो करीब 24 रुपये प्रति किलो की दर से लिया गया