Encryption Policy: कांग्रेस ने किया सरकार पर हमला कहा- बेडरुम की जासूसी…
नयी दिल्ली : सरकार व्हाट्सएप, स्नैपचैट या ऑनलाइन चैट के अन्य माध्यमों पर खुफिया निगरानी रखने कह तैयारी कर रही है जिसपर कांग्रेस ने करारा जवाब दिया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि इनक्रिप्शन नीति लाकर सरकार लोगों की जासूसी करना चाहती है. ऐसा करके वह जासूसी का नंगा नाच करना चाहती […]
नयी दिल्ली : सरकार व्हाट्सएप, स्नैपचैट या ऑनलाइन चैट के अन्य माध्यमों पर खुफिया निगरानी रखने कह तैयारी कर रही है जिसपर कांग्रेस ने करारा जवाब दिया है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि इनक्रिप्शन नीति लाकर सरकार लोगों की जासूसी करना चाहती है. ऐसा करके वह जासूसी का नंगा नाच करना चाहती है. मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार 90 दिनों तक आपके चैट का रिकार्ड रखवाना चाहती है ताकि वह जान सके कि आप बेडरुम में क्या करते हैं.
…After Net Chats govt may want u to keep a video record of what u do in your bedroom for 90 days: Manish Tewari
— ANI (@ANI) September 22, 2015
इस मामले के गरम होने के बाद सरकार ने सफाई देते हुए कहा है कि इनक्रिप्शन पॉलिसी में व्हाट्सएप, फेसबुक और सोशल मीडिया को शामिल नहीं किया गया है. दूरसंचार मंत्रालय ने कहा है कि फिलहाल जनता से सुझाव मांगने के लिए इंटरनेट सुरक्षा का जो मसौदा जारी किया है जिसमें सेवा प्रदाता के साथ यूजरों पर भी 90 दिनों तक मैसेज को संभाल कर रखने की जिम्मेदारी डाली गई है.
This is a fascist government and only a fascist government can bring such policy: Manish Tewari on encryption policy pic.twitter.com/3OPBohU8aZ
— ANI (@ANI) September 22, 2015
आपको बता दें कि व्हाट्सएप तथा द्वारा भेजे जाने वाले संदेश, फोटो तथा ऑडियो और वीडियो एंड टू एंड इनक्रिप्टेड कोड वाली तकनीक में चले जाते हैं. इस तकनीक के कारण ये डेटा सुरक्षा एजेंसियों की पकड़ में नहीं आते है. ऐसा ही तकनीक फेसबुक मैसेंजर, आईमैसेज स्नैपचैट, वीचैट आदि एप्स द्वारा जाने वाले डेटा के साथ भी लागू है. व्हाट्सएप, फेसबुक मैसेंजर तथा आईमैसेज जैसे एप्स के तहत डेटा शेयरिंग इनक्रिप्टेड कोड में होने के कारण सरकार और सुरक्षा ऐजेंसियों की पकड़ में नहीं आ पाते हैं. इन एप्स का फायदा आतंकीवादी गतिविधयों में किया जाता है जिसने सरकार को चिंता में डाल दिया है.