नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) ने अमेरिकी विमानन कंपनी बोइंग से 22 अपाशे अटैक हेलीकॉप्टरों और 15 शिनूक हेवी लिफ्ट हेलीकॉप्टरों के लिए 2.5 अरब डॉलर के सौदे को आज मंजूरी दे दी.
सरकारी सूत्रों ने बताया, ‘‘अपाशे और शिनूक (हेलीकॉप्टरों) के सौदे को मंजूरी दे दी गयी.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस की बैठक कैबिनेट की बैठक के बाद हुई. सीसीएस में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने भाग लिया.
रक्षा क्षेत्र से जुडे अनेक लोगों को उम्मीद थी कि 2013 में लागत वार्ता को अंतिम रुप दिए जाने के बाद से लंबित और करीब ढाई अरब डालर मूल्य के इस सौदे पर इस साल जून में अमेरिकी रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर की यात्रा के दौरान दस्तखत किए जाएंगे.
अपाशे का यह सौदा ‘‘हाइब्रिड’ है जिसमें हेलीकॉप्टर के लिए एक करार पर बोइंग के साथ दस्तखत किए जाएंगे जबकि उसके हथियारों, रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों के लिए अन्य पर अमेरिका सरकार के साथ दस्तखत किए जाएंगे. अमेरिका इस करार पर जोर दे रहा है क्योंकि यह भारत के बढ़ते रक्षा बाजार में अमेरिकी मौजूदगी को और मजबूत करेगा.
रक्षा सूत्रों ने कहा कि इस सौदे के तहत 30 प्रतिशत निवेश भारत में करने की (ऑफसेट) प्रतिबद्धता होगी. ऑफसेट नीति सबसे पहले रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीपीपी), 2005 के तहत लाई गयी थी जिसके तहत किसी विदेशी कंपनी को सौदे के एक हिस्से के बराबर भारत में निवेश करना होता है.
पिछले एक दशक के दौरान अमेरिकी कंपनियों ने भारत से तकरीबन 10 अरब डालर मूल्य के रक्षा करार हासिल किए हैं. इनमें पी-81 समुद्री टोही विमान, सी-130जे ‘सुपर हरक्यूलियस’ और सी-17 ग्लोबमास्टर-3 जैसे विमानों शामिल हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल से आयरलैंड और अमेरिका की सात दिन की यात्रा पर जाएंगे. उनकी अमेरिका यात्रा 24 सितंबर से शुरु होगी.
उन्होंने कहा, ‘‘इस यात्रा का उद्देश्य मेरी पिछली अमेरिका यात्रा और इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति ओबामा की भारत यात्रा के दौरान बने महत्वपूर्ण आधार पर निर्माण करना है.’ हेलीकॉप्टर सौदा अमेरिकी पक्ष की तरफ से 10 मूल्य समीक्षाओं से गुजरा है. करार में 11 और अपाशे तथा सात अतिरिक्त शिनूक हेलीकॉप्टरों की खरीदारी के लिए ‘फॉलो-ऑन ऑर्डर’ पेश करने के लिए प्रावधान होंगे.
अपाशे और शिनूक दोनों ही प्लेटफॉर्म का उपयोग अफगानिस्तान और इराक में युद्धक अभियानों में किया गया है. रुस ने अपने एमआई-28एन नाईट हंटर और एमआई-26 हेवी-लिफ्ट हेलीकॉप्टर की पेशकश की थी लेकिन अमेरिकी हेलीकॉप्टरों ने इस बाबत बाजी मार ली.
अमेरिका की तरफ से मिलने वाले 22 अपाशे एएच 64डी लाँगबो हेलीकॉप्टर सर्वाधिक आधुनिक बहुभूमिका वाले युद्धक हेलीकॉप्टरों में से हैं. इनमें हर मौसम में रात में युद्धक अभियान संचालित करने की विशिष्टता है. यह एक मिनट से कम समय में 128 लक्ष्यों तक को चिह्नित कर सकता है और 16 लक्ष्यों पर निशाना साध सकता है. इसके अतिरिक्त, इसमें दुश्मन के रडार से बचकर निकल जाने की क्षमता है. इसके सेंसर आधुनिक हैं और इसकी मिसाइलें दृश्य प्रकाश क्षेत्र से परे जाकर काम करती हैं. भारत हेलफायर मिसाइलें और राकेट भी हासिल करने वाला है.