भारतीय बाघों की सुरक्षा के लिए अमेरिका ने की प्रौद्योगिकी की पेशकश
वॉशिंगटन : अमेरिका ने बंगाल टाइगरों का पता लगाने और उनकी सुरक्षा के प्रयासों में भारत की मदद करने की पेशकश की है क्योंकि दोनों देश वन्य जीवों के संरक्षण में तथा वन्य प्राणियों की तस्करी की समस्या से निपटने के लिए सहयोग को मजबूत करना चाहते हैं. इस संबंध में दोनों पक्षों ने एक […]
वॉशिंगटन : अमेरिका ने बंगाल टाइगरों का पता लगाने और उनकी सुरक्षा के प्रयासों में भारत की मदद करने की पेशकश की है क्योंकि दोनों देश वन्य जीवों के संरक्षण में तथा वन्य प्राणियों की तस्करी की समस्या से निपटने के लिए सहयोग को मजबूत करना चाहते हैं. इस संबंध में दोनों पक्षों ने एक सहमति पत्र के मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है. मसौदे का ब्यौरा कल भारत अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में भी परिलक्षित हुआ था. अमेरिका ने भारत के प्रोजेक्ट टाइगर को समर्थन देने की पेशकश की है.
प्रोजेक्ट टाइगर बंगाल टाइगर की आबादी को उनकी प्राकृतिक रिहायशों में सुरक्षित रखने के लिए चलायी जा रही परियोजना है. संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनों देश भारत में बाघों की सुरक्षा करने और उनके शिकार की समस्या से निपटने के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकी के उपयोग पर मिलजुलकर काम करने के लिए सहमत हो गये हैं. सहमति पत्र के तहत अमेरिका प्रोजेक्ट टाइगर को समर्थन देगा और भारत में शेष बाघों की सुरक्षा करने एवं उनका पता लगाने के लिए प्रौद्योगिकी पर उसके साथ काम करेगा.
विदेश मंत्रालय के अनुसार, सहमति पत्र में प्राकृतिक रिहायश की सुरक्षा करने के प्रयासों, संरक्षण कार्यक्रमों के समर्थन में वैज्ञानिक सूचना प्रबंधन के तहत मानवीय संसाधन विकास, जागरुकता का प्रसार और अस्तित्व के संकट से जूझ रही प्रजातियों की आबादी बढाने के प्रयासों को शामिल किया गया है. इसमें वन्यजीव प्रजातियों का अवैध शिकार और उनके कारोबार को रोकने के लिए राष्ट्रीय कानूनों और नियमनों के मुताबिक कानून को मजबूत बनाने के प्रयास भी शामिल हैं.