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वैंकेया का पलटवार, कहा जल्द नीतीश के उच्चतम न्यायालय बन जायेंगे लालू
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भाजपा का ‘उच्चतम न्यायालय’ बताने वाले नीतीश कुमार पर वापस निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू ने आज कहा कि मोदी सरकार किसी के ‘‘दिशानिर्देशन या निर्देश ‘ में नहीं चल रही. नायडू ने दावा किया कि जल्दी ही जदयू के नेता लालू प्रसाद के निर्देशों का […]
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भाजपा का ‘उच्चतम न्यायालय’ बताने वाले नीतीश कुमार पर वापस निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री एम वैंकेया नायडू ने आज कहा कि मोदी सरकार किसी के ‘‘दिशानिर्देशन या निर्देश ‘ में नहीं चल रही. नायडू ने दावा किया कि जल्दी ही जदयू के नेता लालू प्रसाद के निर्देशों का पालन करते हुए देखे जाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘जल्दी ही आप लालूजी को उनके (कुमार के) उच्चतम न्यायालय के रुप में देखेंगे. सरकार बनने से पहले ही लालू घोषणा कर चुके हैं कि उनके बच्चे मंत्री बनेंगे। मंत्रिमंडल का गठन मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.’ एक सम्मेलन से इतर नायडू ने कहा, ‘‘जहां तक भारत सरकार का सवाल है, उसने यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकार भाजपा और राजग के एजेंडे पर चलती है. जो भी सुझाव आते हैं, यदि वे अच्छे होते हैं तो हम तर्कसंगत सुझावों को स्वीकार कर लेते हैं. हम किसी के दिशानिर्देशन, शासन या निर्देश के आधार पर नहीं चल रहे.’
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कल कहा था कि भाजपा ‘‘आरक्षण विरोधी’ है और उसे आरएसएस की लाइन पर ही चलना पडता है, जो कि ‘‘उसके लिए उच्चतम न्यायालय के समान है’. इन आरोपों को खारिज करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘जहां तक :आरएसएस द्वारा: व्यक्त किए गए कुछ विचारों की बात है, यदि आपको ये पसंद आते हैं, तो इन्हें स्वीकार करें। यदि आपको ये पसंद नहीं आते तो इन्हें स्वीकार न करें.’आरएसएस का बचाव करते हुए नायडू ने कहा, ‘‘उसे इन लोगों के प्रमाणपत्र की जरुरत नहीं है. आरएसएस का अर्थ है ‘‘रेडी फॉर सेल्फलैस सर्विस’ (निस्वार्थ सेवा के लिए तैयार).
आप किसी से उसके विचारों के लिए सहमत या असहमत हो सकते हैं. लेकिन यह एक महान देशभक्त संगठन है, जो देश के युवाओं में चरित्र, क्षमता और आचार का सृजन कर रहा है. किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.’ कांग्रेस के इस आरोप पर कि भाजपा दीन दयाल उपाध्याय की वर्षगांठ का आयोजन नेहरु स्टेडियम में करके हमारे राष्ट्रीय नायकों को हमसे छीनने का प्रयास कर रहे हैं , नायडू ने कहा, ‘‘उनके नायक या हमारे नायक कौन हैं.
नायक देश के हैं. जिन लोगों ने देश की तरक्की में योगदान दिया है, उन्हें पहचान और सम्मान मिलना चाहिए और उन्हें बढावा दिया जाना चाहिए. बढावा इस रुप में कि उनका नाम और ख्याति जनता तक पहुंचे और लोग उनके विचारों से प्रेरणा लें.’ कांग्रेस का नाम लिए बिना ही नायकों के मुद्दे पर उसपर निशाना साधते हुए नायडू ने कहा, ‘‘क्या यह एक परिवार का एकाधिकार है? क्या यह एक ही दल का एकाधिकार है? देश ने हजारों महान नायक पैदा किए हैं.
हर एक ने किसी न किसी क्षेत्र में योगदान दिया है. किसी को भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय, सरदार वल्लभ भाई पटेल या अब्दुल कलाम के जीवन एवं इतिहास को चिन्हित करने के विचार पर आपत्ति नहीं होनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि सरकार पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम की जयंती 15 अक्तूबर को मना रही है.
उन्होंने कहा, ‘‘हम 15 अक्तूबर को अब्दुल कलाम का जन्मदिन मनाना चाहते हैं. सरकार इसपर विचार कर रही है. हम कलाम के गृहनगर रामेश्वरम में उनका स्मारक भी बनाना चाहते हैं. प्रधानमंत्री ने इसके लिए एक छोटी समिति गठित की है.’ कलाम के अलावा सरकार जयप्रकाश नारायण की जयंती भी मनाने की योजना बना रही है.
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