दंगा रिपोर्ट को लेकर सपा- भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप, बसपा, कांग्रेस ने तेज किया हमला
नयी दिल्ली : भाजपा और समाजवादी पार्टी ने मुजफ्फरनगर दंगों के बारे में आई जांच रिपोर्ट को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाने शुरु कर दिए हैं जबकि कांगे्रस एवं बसपा ने इन दोनों दलों पर हमला बोलते हुए सांप्रदायिक हिंसा में दोषारोपित किए गए लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग की है. भले ही इस […]
नयी दिल्ली : भाजपा और समाजवादी पार्टी ने मुजफ्फरनगर दंगों के बारे में आई जांच रिपोर्ट को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगाने शुरु कर दिए हैं जबकि कांगे्रस एवं बसपा ने इन दोनों दलों पर हमला बोलते हुए सांप्रदायिक हिंसा में दोषारोपित किए गए लोगों के खिलाफ कडी कार्रवाई की मांग की है.
भले ही इस एक सदस्यीय आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशें अभी सार्वजनिक नहीं हुई हैं किन्तु कुछ मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि कई भाजपा नेताओं को दोषारोपित किया गया है.
भाजपा ने अपने नेताओं की हिंसा में संलिप्तता के आरोपों से इंकार किया. दंगों में आरोपी पार्टी के विधायक संगीत सोम ने न्यायमूर्ति विष्णु सहाय आयोग की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और दावा किया कि उत्तर प्रदेश में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी के नेताओं के खिलाफ ‘‘पर्याप्त सबूत” हैं.
सोम ने दंगों की जांच के लिये राज्य सरकार द्वारा गठित अवकाशप्राप्त न्यायमूर्ति विष्णु सहाय आयोग के कल राज्यपाल राम नाईक को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बारे में संवाददाताओं से कहा ‘‘मैं बस यह जानना चाहता हूं कि जांच आयोग ने हमसे कोई बात क्यों नहीं की. क्या आयोग ने हमें जांच का हिस्सा बनाया.
हमारे पास जो पुख्ता प्रमाण हैं कि सपा नेताओं और अधिकारियों ने दंगे कराये थे, वे प्रमाण भी हमसे नहीं लिये गये. मुझे नहीं लगता कि रिपोर्ट का कोई औचित्य है.” मोदी सरकार ने पिछले साल सोम को जेड श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है. मुजफ्फरनगर और आसपास के क्षेत्रों में 2013 में हुए दंगों में 60 से अधिक लोगों की जानें गईं थीं और हजारों लोग बेघर हुए थे. समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि दंगों के सिलसिले में दाखिल आरोप पत्र में अधिकतर नामजद नेता भाजपा के है. सपा ने भाजपा पर ऐसे नेताओं का न केवल बचाव करने बल्कि उनको पुरस्कृत करने का भी आरोप लगाया.