लखनऊ : केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान पर आतंकवाद के जरिये भारत के विरुद्ध छद्म युद्ध छेडने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि वह बार-बार संघर्ष-विराम का उल्लंघन कर रहा है. सिंह ने यहां कहा, ‘पाकिस्तान बार-बार संघर्ष-विराम समझौते का उल्लंघन कर रहा है, मगर भारत भी इसका मुंह तोड जवाब दे रहा है.’ गृह मंत्री आज यहां हिन्दुस्तान मीडिया वेंचर लिमिटेड की तरफ से आयोजित शिखर समागम में भारत की प्रगति और सुरक्षा की दशा एवं दिशा विषय पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ लगी देश की सीमाएं बहुत संवेदनशील हैं और इसे ध्यान में रखकर जरुरत के हिसाब से सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद रखा जाता है. सिंह ने कहा कि नेपाल और भूटान से जुडी सीमा पर कोई समस्या नहीं है लेकिन बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा ‘एक्टिव‘ है. उन्होंने बताया कि भारत की जमीनी सीमा 15,106 किलोमीटर और समुद्र से लगी सीमा 7,570 किमी लम्बी है और इसके मद्देनजर सुरक्षा की चाको-चौबंद तैयारी रखनी पडती है.
राजनाथ सिंह ने दावा किया कि राजग सरकार के सत्ता में आने के बाद घुसपैठ की घटनाओं में कमी आयी है. वर्ष 2013 में घुसपैठ की 277 और वर्ष 2012 में 264 घटनाएं हुई थीं जबकि 2014 में 52 घटनाएं हुईं और इस वर्ष अब तक केवल 15 घटनाएं हुई है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद घुसपैठ के खिलाफ सख्त चौकसी बरती गयी है और घुसपैठ की कोशिश करते 130 आतंकी मारे गये हैं, जबकि 2013 में 110 और 2012 में 67 आतंकवादी घुसपैठ की कोशिश करते मारे गये थे. गृह मंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि इस्लामिक स्टेट (आइएसआइएस) भारत में अपनी जडें नहीं जमा पायेगा और इसका बहुत बडा श्रेय देश के मुसलमानों को जाता है.
उन्होंने कहा कि भारत की बढती सामरिक ताकत से राष्ट्र विरोधी तत्वों को परेशानी हो रही है. उन्होंने चीन के बारे में कहा कि उसके साथ सीमा विवाद हैं और सरकार उन्हें सुलझाने की कोशिश कर रही है. सिंह ने वामपंथी उग्रवाद (नक्सल) को एक बढी चुनौती बताते हुए कहा कि 10 राज्यों के लगभग 125 जिले इससे प्रभावित हैं. उन्होंने साइबर अपराध को भी एक बडी चुनौती बताया और कहा कि उससे निपटने की तैयारी लगातार चल रही है. सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर जोर देते हुए कहा, ‘हम संघ के स्वयं सेवक हैं और रहेंगे. संघ कभी जाति और धर्म के नाम पर भेदभाव की इजाजत नहीं देता.’ उन्होंने राजग सरकार के संघ के इशारे पर चलने संबंधी विपक्षी दलों के आरोपों के बारे में कहा कि संघ ने सरकार से कोई रिपोर्ट कार्ड नहीं मांगा.