नयी दिल्ली/मीना : हज के दौरान मची भगदड में अधिकारियों ने 10 और शवों की पहचान की है जिसके बाद इस हादसे में मरने वाले भारतीयों की संख्या आज बढ कर 45 हो गयी. सउदी अरब में वार्षिक हज यात्रा के दौरान 25 साल में यह सर्वाधिक भीषण हादसा है. जेद्दा में हज वाणिज्य दूतावास ने बताया कि मृतकों में तीन जायरीन पश्चिम बंगाल के और केरल एवं झारखंड से दो-दो और तमिलनाडु एवं महाराष्ट्र से एक-एक जायरीन शामिल हैं.
इससे पहले कल 13 और शवों की पहचान की गयी थी जिसके साथ ही मरने वाले भारतीयों की संख्या बढ कर 35 हो गयी थी. हज के दौरान मची भगदड में मरने वालों की कुल संख्या सउदी अधिकारियों ने 769 बतायी है. इस हादसे में घायल होने वालों की संख्या 934 है. घायलों में कम से कम 13 भारतीय हैं. सउदी अरब के शाह सलमान ने पांच दिवसीय आयोजन के दौरान हुयी हादसे की जांच के लिए एक कमेटी गठित करने का आदेश दिया है. इस आयोजन में 180 से अधिक देशों के लगभग 20 लाख लोग भाग ले रहे थे. भारत से 1.5 लाख जायरीन ने हज किया. हज को इस्लाम के पांच बुनियादी स्तंभों में से एक माना जाता है और कहा जाता है कि आर्थिक और शारीरिक रुप से सक्षम हर मुस्लिम को जीवन में एक बार हज अवश्य करना चाहिए.
यह भगदड उस समय मची, जब हजयात्रियों की दो बडी कतारें, अलग-अलग दिशाओं से एक दूसरे के सामने आ गईं. यह स्थान मीना के जमारात ब्रिज की उस पांच मंजिला इमारत के करीब है, जहां पत्थर से बनी तीन दीवारों पर कंकड फेंककर प्रतीकात्मक रुप से शैतान को पत्थर मारने की रस्म निभाई जाती है. जायरीन के लिए इस साल यह दूसरी बडी दुर्घटना है. इससे पहले 11 सितंबर को मक्का की ग्रांड मस्जिद में निर्माण कार्य में लगी एक विशाल क्रेन के गिर जाने से 11 भारतीयों सहित 100 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी.