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सारधा घोटाला: 134 सम्पत्तियों की कुर्की का आदेश, 774 करोड रुपये वसूली के लिए कार्रवाई
मुंबई: प्रतिभूति बाजार विनियामक सेबी ने निवेशकों से गैर कानूनी तरीके से धन वसूलने के आरोप में फंसी पश्चिम बंगाल की कंपनी सारधा रियल्टी इंडिया लि. और इसके प्रमुख सुदीप्त सेन की 134 सम्पत्तियों की कुर्की के आदेश जारी किए है. यह कुर्की इस फर्म से विभिन्न शुल्कों और ब्याज सहित 774.3 करोड़ रुपये की […]
मुंबई: प्रतिभूति बाजार विनियामक सेबी ने निवेशकों से गैर कानूनी तरीके से धन वसूलने के आरोप में फंसी पश्चिम बंगाल की कंपनी सारधा रियल्टी इंडिया लि. और इसके प्रमुख सुदीप्त सेन की 134 सम्पत्तियों की कुर्की के आदेश जारी किए है. यह कुर्की इस फर्म से विभिन्न शुल्कों और ब्याज सहित 774.3 करोड़ रुपये की वसूली के सिलसिले में की गयी है.
इन सम्पत्तियों में भूखंड, इमारतें, फ्लैट, कुर्सी मेज, टीवी, फ्रिज, जनरेटर, कंप्यूटर तथा कुछ अन्य चल सम्पत्तियां कुर्क की गयी हैं. इनमें से अधिकांश सम्पत्तियां पश्चिम बंगाल में है. सेबी ने कंपनी और सेन को आदेश दिया है कि वे अपनी चल अचल सम्पत्ति की पूरी जानकारी उसे दें.
पश्चिम बंगाल में जनता से निवेश जुटाने की योजना में एक भारी धोखाधडी का मामला समाने आने के बाद सेबी ने सारधा समूह के खिलाफ अपना पहला आदेश अप्रैल 2013 में जारी किया है. नियामक ने जमीन जायदाद के काम में लगी कोलकाता की इस कंपनी को अपनी सामूहिक जमा योजनाएं बंद करने तथा निवेशकों का पैसा तीन माह में वापस करने का ओदश दिया था.
सेबी ने कंपनी और इसके प्रमुख को बाजार में कोई व्यवहार करने से रोक दिया था. निवेशकों का पैसा लौटाने में चूक करने पर सेबी ने पिछले वर्ष जून में कंपनी और उसके प्रमुख के विभिन्न बैंक खातों और डी-मैट खातों को कुर्क कर लिया था. लेकिन उनमें इतनी धन सम्पत्ति नहीं थी कि निवेशकों के धन, ब्याज और शुल्क आदि की वसूली हो सके.
सारदा रियल्टी और इसके प्रबंध निदेशक सेन के खिलाफ वसूली की कार्रवाई चार जून 2015 को शुरु की गयी. सेबी ने कहा कि कंपनी और उसके प्रमुख को वसूली- नोटिस का जवाब तक देना गवारा नहीं हुआ. सेबी को जब यह पता लगा कि इन चूककर्ताओं के पास कुछ सम्पत्तियां है जिन्हें वे बेच या हस्तांतरित कर सकते हैं ताकि निवेशकों के धन की वसूली में व्यावधान या विलम्ब किया जा सके. इसके मद्देनजर उसने उनकी सम्पत्तियों को कुर्क करने की यह कार्रवाई की है. सेबी आदेश के अनुसार वसूली नोटिस के तहत कुर्क की गयी इन सम्पत्तियों को ‘अब कोई व्यक्ति बेच, हस्तांतरित, विलग या काम पर नहीं लगा सकता.’
कुर्क की गयी इन सम्पत्तियों में पश्चिम बंगाल में 120 भूखंड है. इसके अलावा अन्य 14 कुर्क की गयी सम्पत्तियों में सारदा लैंडमार्क सीमेंट की सम्पत्तियां, लिंकोलन हाईस्कूल और कुछ फ्लैट तथा रिसार्ट हैं. कुछ फर्नीचर और मकानों में लगे कुछ अन्य समान भी कुर्क किये गये हैं. कंपनी और उसके प्रमुख को दो सप्ताह के अंदर अपनी सभी सम्पत्तियों का ब्योरा प्रस्तुत करने का निर्देश है. सेबी ने सारदा समूह के खिलाफ जांच में पाया कि इसने जनता से 10 हजार रपए से एक लाख रपए तक की जमाएं 15 माह से 120 माह के लिए जुटायीं और इन पर 12 से 24 प्रतिशत ब्याज का वादा किया था.
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