मुंबई : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने नौसेना के युद्धपोत आइएनएस कोच्चि को यहां नौसेना की गोदी में जलावतरण कर दिया है. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन इकाइयों में इसको लेकर काफी उत्साह है. निजी क्षेत्र और प्रइवेट सेक्टर के यूनिट मिलकर काम करेंगे. उन्होंने कहा कि स्वदेशी आइएनएस कोच्चि किसी भी विदेशी जहाज से बेहतर है.एक रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि ‘आइएनएस कोच्चि’ कोलकाता श्रेणी (परियोजना 15ए) के गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर्स में दूसरा युद्धपोत है. दिल्ली श्रेणी के विध्वंसक पोतों के बाद के क्रम में कोलकाता श्रेणी के तीन जहाजों का करार किया गया था. दिल्ली श्रेणी के युद्धपोत एक दशक से अधिक समय पहले नौसेना में शामिल किये गये थे.
इसे नौसेना के आंतरिक संगठन ‘नौसैनिक डिजाइन निदेशालय’ ने डिजाइन किया है और मुंबई में मझगांव डॉक शिप बिल्डर्स लिमिटेड में इसका निर्माण किया गया है. बंदरगाह शहर कोच्चि के नाम पर इसका नामकरण किया गया है. यह युद्धपोत दिल्ली श्रेणी के जहाजों की तुलना में बेहतर है और इसके शस्त्र और सेंसर अधिक आधुनिक हैं. युद्धपोत में रडार की पहुंच में नहीं आने जैसी उन्नत नयी डिजाइन अवधारणाएं शामिल हैं.
विशालकाय जहाज 164 मीटर लंबा और 17 मीटर गहरा है जो चार गैस टर्बाइन से चलता है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि 30 नॉट तक की रफ्तार पकड सकता है. जहाज पर करीब 40 अधिकारी और चालक दल के 350 सदस्य सवार होंगे. कर्मचारियों की परिस्थिति और रहने की अनुकूल शैली के अनुरुप जहाज में रहने की व्यवस्था की गयी है. प्रवक्ता ने बताया कि जहाज को इस तरह का ढांचा दिया गया है और रडार-पारदर्शी डेक फिटिंग का इस्तेमाल किया गया है कि इसकी रडार की पहुंच से दूरी रहने की विशेषता और उन्नत हुई है.
जहाज को ‘नेटवर्क ऑफ नेटवर्क्स’ के तौर पर वर्गीकृत किया गया है जो शिप डाटा नेटवर्क (एसडीएन), कांबट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस), ऑटोमैटिक पॉवर मैनेजमेंट सिस्टम (एपीएमएस) और ऑक्सिलरी कंट्रोल सिस्टम (एसीएस) से युक्त है.