स्मृति ईरानी ने संस्कृत के सरलीकरण की वकालत की
नयी दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संस्कृत को बढावा देने और स्कूलों में इसे आसान करके जन सामान्य की भाषा बनाने के साथ ही इस विषय में और अनुसंधान किए जाने की जरुरत बताई है.केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि संस्कृत योग की भाषा है और इस क्षेत्र के विद्यार्थियों […]
नयी दिल्ली: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संस्कृत को बढावा देने और स्कूलों में इसे आसान करके जन सामान्य की भाषा बनाने के साथ ही इस विषय में और अनुसंधान किए जाने की जरुरत बताई है.केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि संस्कृत योग की भाषा है और इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को पूरी दुनिया में योग को लेकर बढती दिलचस्पी का लाभ उठाना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘सभी संस्कृत विद्यालयों के पास योग शिक्षक होने चाहिएं.
‘ राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के पांचवे दीक्षांत समारोह में ईरानी ने कहा, ‘‘यदि हम संस्कृत को जनमानस की भाषा बनाना चाहते हैं तो आसान संस्कृत को बढावा देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि संस्कृत की शिक्षा आधुनिक जरुरतों के अनुसार बदलनी चाहिए और इसे बढावा देने के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाना चाहिए.
स्मृति ने कहा कि पाठ्यक्रमों में भी ‘‘सुधार’ किया जाना चाहिए.अगले दस वर्षों में संस्कृत के लिए अपने दृष्टिकोण के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा, प्रत्येक राज्य को इस क्षेत्र मेंं कम से कम दो-तीन विद्वान तैयार करने चाहिएं। उन्होंने कहा, ‘‘उच्चतर माध्यमिक से लेकर उच्च शिक्षा के स्तर तक भाषा को सुगत ग्राह्य भाषा में समझा सकने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण देना चाहिए .’