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दादरी में हुई हत्या पर गरमा रही है राजनीति

दादरी: गौमांस को लेकर फैली अफवाह ने एक मुस्लिम परिवार का घर उजाड़ दिया. घटना के पीछे कौन लोग थे, घटना कैसे घटी यह जांच का विषय है लेकिन दादरी मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है. एक के बाद एक कई नेता मौके पर पहुंच रहे हैं. गौमांस खाने की अफवाह के बाद […]

दादरी: गौमांस को लेकर फैली अफवाह ने एक मुस्लिम परिवार का घर उजाड़ दिया. घटना के पीछे कौन लोग थे, घटना कैसे घटी यह जांच का विषय है लेकिन दादरी मामले को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है. एक के बाद एक कई नेता मौके पर पहुंच रहे हैं. गौमांस खाने की अफवाह के बाद भीड द्वारा एक व्यक्ति की हत्या किए जाने के बाद जहां भाजपा निशाने पर आ गई है, वहीं केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने आज कहा कि राजनीतिक दलों को इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर इसपर राजनीति करने से बचना चाहिए और दोषी को सजा देने के लिए सीबीआई या राज्य की ओर से स्वतंत्र जांच कराई जानी चाहिए.
एआईएमआईएम के विवादास्पद नेता असदुद्दीन ओवैसी द्वारा अखलाक के परिवार से मुलाकात किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के स्थानीय सांसद शर्मा ने भी पीडित परिवार से मुलाकात की और अपना यह रुख कायम रखा कि यह घटना एक ‘दुर्घटना’ थी. ओवैसी ने आरोप लगाया था कि अखलाक को ‘पूर्वनियोजित’ साजिश के तहत उसके धर्म की वजह से निशाना बनाया गया था.
शर्मा ने कहा, ‘‘यह हमारी संस्कृति पर कलंक है और एक सभ्य समाज में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. यदि कोई कहता है कि यह पूर्वनियोजित था तो मैं यह नहीं मानता. यह एक दुर्घटना है और जांच सीबीआई या राज्य द्वारा की जानी चाहिए और दोषी को दंडित किया जाना चाहिए. जांच के नाम पर मासूम लोगों का शोषण न किया जाए.” शर्मा ने कहा, ‘‘कानून को अपना काम करना चाहिए और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. मैं इस घटना को कोई भी राजनीतिक या सांप्रदायिक रंग दिए जाने के प्रयास की निंदा करता हूं. ऐसे लोग न तो समाज के हितैषी हैं और न ही हमारे देश के.” मंत्री ने गांव के मंदिर में एक बैठक भी आयोजित की और कहा कि हिंदू परिवारों ने मुस्लिम परिवारों की सुरक्षा करने का वादा किया है.
शर्मा की ये टिप्पणियां ऐसे समय पर आई हैं, जब राजनीतिक दलों ने भाजपा पर हमले बढाते हुए आरोप लगाए हैं कि वह ऐसी घटनाओं के जरिए लोगों का धर्म के आधार पर धु्रवीकरण करने की कोशिश कर रही है. पीडित परिवार के साथ मुलाकात के बाद एआईएमआईएम के नेता ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस मुद्दे पर चुप्पी को लेकर उनपर निशाना साधा . ओवैसी ने कहा, ‘‘सबका साथ सबका विकास प्रधानमंत्री’ यदि ‘‘बहुलवाद और कानून व्यवस्था बनाए रखने में यकीन रखते हैं” तो उन्हें कम से कम एक ट्वीट के जरिए अपनी संवेदनाएं तो जतानी ही चाहिए थी.
उन्होंने कहा, ‘‘यह हमला मांस को लेकर नहीं था. उसे धर्म के नाम पर मारा गया है. यह पूर्व नियोजित, निर्मम हत्या है. यह दुर्घटना नहीं हो सकती.” एआईएमआईएम के नेता ने केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा पर भी निशाना साधा. हैदराबाद के सांसद ने कहा, ‘‘महेश शर्मा देश के संस्कृति मंत्री हैं और यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संविधान की शपथ लेने वाले मंत्री में इतना साहस और बौद्धिक ईमानदारी नहीं है कि वह स्पष्ट रुप से इस घटना की निंदा कर सके.”
उन्होंने कहा, ‘‘वह और उनके प्रधानमंत्री कहते हैं, ‘सबका साथ सबका विकास’, फिर ऐसी घटनाएं हो जाती हैं. इन शब्दों पर अमल भी किया जाना चाहिए.” अपनी चुप्पी तोडते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग ‘गुलाबी क्रांति’ के खिलाफ बोलते हैं, उन्हें गौमांस का निर्यात प्रतिबंधित करना चाहिए. इसके साथ ही यादव ने आरोप लगाया कि वे लोग ऐसे मुद्दे उठाकर देश के ‘धर्मनिरपेक्ष’ प्रकृति को बिगाडना चाहते हैं.

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