कालाधन को लेकर “आप” ने साधा प्रधानमंत्री पर निशाना

नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने काला धन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘बडे दावों’ की आलोचना की जिसमें एकमुश्त समाधान योजना के तहत 3770 करोड रुपये का खुलासा हुआ है और उनसे कहा कि 80 लाख करोड़ रुपये की बरामदगी, जैसा की उन्होंने दावा किया था, में ‘‘बडी विफलता’ की वह जिम्मेदारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 2, 2015 6:50 PM
नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने काला धन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘बडे दावों’ की आलोचना की जिसमें एकमुश्त समाधान योजना के तहत 3770 करोड रुपये का खुलासा हुआ है और उनसे कहा कि 80 लाख करोड़ रुपये की बरामदगी, जैसा की उन्होंने दावा किया था, में ‘‘बडी विफलता’ की वह जिम्मेदारी लें.
चुनावों से पहले मोदी द्वारा हर बैंक खाते में 15 लाख रुपे जमा कराने के ‘‘वादे’ की आलोचना करते हुए आप ने कहा कि राजग सरकार को काला धन बरामदगी में काफी कमी आने के कारण कम से कम हर खाते में ‘‘18 . 62 रुपये’ जमा कराने के बारे में विचार करना चाहिए.वह मोदी के लोकसभा चुनाव प्रचार का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि विदेशों में 80 लाख करोड रुपये जमा हैं और उनकी सरकार सत्ता में आने के सौ दिन के अंदर इसे वापस लाएगी.
पार्टी प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि काला धन जब्त करने में सरकार के पास ‘‘राजनीतिक इच्छाशक्ति’ की कमी है और उन्होंने मोदी से अपील की कि हर बैंक खाते में 15 लाख रुपये रखने की अपनी ‘‘बडी विफलता’ को स्वीकार करें जैसा कि उन्होंने 2014 के चुनाव प्रचार के दौरान किया था.
चड्ढा ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कहा था कि नई नीति की अनुपालन योजना के तहत 6500 करोड रुपये के अज्ञात विदेशी धन का खुलासा हुआ है. चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने वादा किया था कि विदेशों में जमा 80 लाख करोड रुपये काला धन वापस लाएंगे. इस विफलता के लिए वह क्या कहेंगे?’
चड्ढा ने कहा कि कानून में घरेलू काला धन पर कुछ नहीं कहा गया है, जो उनके मुताबिक कुल धन का 90 फीसदी है. उन्होंने कहा, ‘‘केवल दस फीसदी धन विदेशों में जमा है.’ उन्होंने कहा, ‘‘लंबे दावों के बावजूद राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी के कारण विभिन्न जांच एजेंसियां काले धन पर बनी एसआईटी का सहयोग नहीं कर रही हैं, जिसका गठन उच्चतम न्यायालय के आदेश पर किया गया था.’ बहरहाल पार्टी नेता आशुतोष ने दादरी में एक व्यक्ति की पीट…पीटकर हत्या कर दिए जाने पर प्रधानमंत्री की चुप्पी को लेकर सवाल उठाए और केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा को बर्खास्त करने की मांग की.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के पास :मार्क: जुकरबर्ग को गले लगाने का वक्त है लेकिन दादरी घटना पर एक भी शब्द कहने का समय नहीं है. देश उम्मीद करता है कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर बोलें, परिवार के आंसू पोंछें .’ उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि प्रधानमंत्री ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करते हैं इसलिए महेश शर्मा जी को इन बयानों के बाद केंद्रीय कैबिनेट मंत्री बने रहने का अधिकार नहीं है. आज भी उन्होंने गांव का दौरा किया और राजनीति की

Next Article

Exit mobile version