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बढ़ रही है सोमनाथ भारती की मुश्किलें, अर्धरात्रि छापा मामले में पूरक आरोप पत्र दाखिल

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने आप नेता सोमनाथ भारती द्वारा पिछले साल आधी रात को मारे गए छापे के दौरान अफ्रीकी महिलाओं के साथ कथित हुई छेडखानी के मामले में आज उनके खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया. भारती उस समय दिल्ली के कानून मंत्री थे.मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंकिता लाल के सामने दायर पूरक अंतिम रिपोर्ट में […]

नयी दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने आप नेता सोमनाथ भारती द्वारा पिछले साल आधी रात को मारे गए छापे के दौरान अफ्रीकी महिलाओं के साथ कथित हुई छेडखानी के मामले में आज उनके खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया. भारती उस समय दिल्ली के कानून मंत्री थे.मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अंकिता लाल के सामने दायर पूरक अंतिम रिपोर्ट में पुलिस ने अदालत से कहा कि भारती के खिलाफ अभियोजन संबंधी मंजूरी सक्षम प्राधिकार से मिल गयी है.
बाईस पन्नों की इस रिपोर्ट में पुलिस ने फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की रिपोर्ट भी संलग्न की है और एफएसएल निदेशक तथा एक वैज्ञानिक को गवाह बनाया है.अदालत ने भारती के खिलाफ जांच अधिकारी विजय चंदेल द्वारा दाखिल इस रिपोर्ट पर विचार करने की तारीख 30 अक्तूबर तय की. भारत फिलहाल पत्नी लिपिका मित्रा के साथ घरेलू हिंसा करने के मामले में पुलिस हिरासत में है. पहले पुलिस ने इस मामले की और जांच करने के भारत के अनुरोध पर सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की थी.अदालत ने सोलह जनवरी को पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी किया था और जांच अधिकारी भारत के खिलाफ अभियोजन के लिए शीघ्र मंजूरी लेने को कहा था. पुलिस ने कहा कि उसे 24 सितंबर को मंजूरी मिली है.
पिछले साल 27 सितंबर को दाखिल आरोपपत्र में दिल्ली पुलिस ने कहा था, ‘‘नौ अफ्रीकी महिलाएं तत्कालीन कानून मंत्री सोमनाथ भारती की अगुवाई में आयी भीड के हाथों छेडखानी एवं दुर्व्यवहार की शिकार बनीं.’ आरोपपत्र में भारत और 17 पर भादसं की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस ने यूगांडा की नौ महिलाओं समेत 41 लाोगों को इस मामले में गवाह बनाया है. वर्ष 2014 को 15-16 जनवरी की दरम्यानी रात को भारती की अगुवाई में आयी भीड ने इन महिलाओं से कथित रुप से छेडखानी एवं दुर्व्यवहार किया था. आरोपपत्र में पुलिस ने कहा था कि पीडिताओं के मूत्र नमूने की फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार है लेकिन एम्स में लगे सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज और न्यूज चैनलों के फुटेज संबंधी रिपोर्ट मिल गयी है. पीडिताओं को मेडिकल चेक अप के लिए एम्स ले जा गया था.
अदालत के आदेश पर पिछले साल 19 जनवरी को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. उससे पहले यूगांडा की एक महिला पुलिस को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश देने की मंाग करते हुए अदालत पहुंची थी. बाद में एक अन्य अफ्रीकी महिला ने पृथक प्राथमिकी दर्ज करने की मंाग करते हुए अदालत पहुंची थी, उसने आरोप लगाया था कि भीड ने उससे भी छेडखानी की थी.अदालत ने पिछले साल 29 जनवरी को पुलिस से स्थिति रिपोर्ट देने को कहा था लेकिन पृथक प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश देने से इनकार कर दिया था.हालांकि अदालत ने पुलिस से दूसरी महिला को पहली प्राथमिकी में सह शिकायतकर्ता बनाने को कहा था क्योंकि वह भी इस घटना की शिकार बनी थी.

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