नयी दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के विवादित विधायक और दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती को उनकी पत्नी द्वारा दायर कथित घरेलू हिंसा और हत्या का प्रयास मामले में आज अदालत ने एक दिन के लिए तिहाड जेल भेज दिया. ड्यूटी मजिस्ट्रेट सुधीर कुमार सिरोही ने भारती को कल तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया. जांच एजेंसी ने उनकी हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग नहीं की.
अदालत ने हालांकि पुलिस से कहा कि भारती को कल संबंधित सुनवाई अदालत के समक्ष पेश किया जाए. आप के 41 वर्षीय विधायक को तीन दिनों की पुलिस रिमांड की अवधि आज पूरी होने पर अदालत में पेश किया गया. दिल्ली पुलिस ने अपने आवेदन में भारती को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने का अनुरोध किया और कहा कि उनसे हिरासत में लेकर पूछताछ करने की और जरुरत नहीं है.
भारती की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने हालांकि दलील दी कि उन्हें सिर्फ एक दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा जाए. अग्रवाल ने कहा, ‘‘ उनका मामला उनके (भारती) और उनकी पत्नी के बीच मध्यस्थता के उद्देश्य से उच्चतम न्यायालय में कल के लिए सूचीबद्ध है… अदालत को कृपया उन्हें एक दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजना चाहिए और पुलिस को यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि उन्हें कल उच्चतम न्यायालय में पेश किया जाए.’ भारती ने अदालत से कहा कि उनकी पत्नी को सुलह के लिए बुलाया गया है और उनकी भी उपस्थिति जरुरी है. उन्होंने कहा कि उनसे सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी.
पुलिस ने भारती को उच्चतम न्यायालय में पेश करने के लिए निर्देश देने के बचाव पक्ष के अनुरोध का विरोध किया. पुलिस ने कहा कि आरोपी को उच्चतम न्यायालय में पेश करने के लिए पुलिस को कोई विशिष्ट निर्देश नहीं मिला है.
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने भारती को उच्चतम न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिए पुलिस को निर्देश देने से इंकार कर दिया. सुनवाई के दौरान भारती ने आरोप लगाया कि पुलिस हिरासत के दौरान उन्हें मानसिक रुप से प्रताडित किया गया.
भारती को 29 सितंबर को तडके गिरफ्तार किया गया था. उसके पहले उच्चतम न्यायालय ने उन्हें आत्मसमर्पण करने को कहा था. भारती ने मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए 23 सितंबर को उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. इसके साथ उन्होंने अनुरोध किया था कि दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया जाए कि उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला होने तक उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाए.
उच्चतम न्यायालय ने एक अक्तूबर को उन्हें अंतरिम जमानत देने से इंकार कर दिया था और उनकी पत्नी द्वारा दायर घरेलू हिंसा और हत्या का प्रयास मामले में मध्यस्थता की संभावना तलाश करने के लिए सोमवार को उनकी उपस्थिति पर जोर दिया था. दिल्ली उच्च न्यायालय ने 22 सितंबर को भारती की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था और कहा था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों के समर्थन में ‘‘दस्तावेजी सबूत” हैं.