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सोमनाथ भारती 19 अक्तूबर तक जेल भेजे गये, पत्नी लिपिका समझौते के लिए तैयारी नहीं

नयी दिल्ली : घरेलू हिंसा एवं हत्या के प्रयास के मामले में ‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती की न्यायिक हिरासत 19 अक्तूबर तक बढ़ायी गयी. इधर भारती की पत्नी ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह आप नेता के खिलाफ दाखिल घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास के मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता के […]

नयी दिल्ली : घरेलू हिंसा एवं हत्या के प्रयास के मामले में ‘आप’ विधायक सोमनाथ भारती की न्यायिक हिरासत 19 अक्तूबर तक बढ़ायी गयी. इधर भारती की पत्नी ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया कि वह आप नेता के खिलाफ दाखिल घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास के मामले को सुलझाने के लिए मध्यस्थता के लिए तैयार नहीं है.

मुख्य न्यायाधीश एच एल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंड पीठ ने भारती की पत्नी लिपिका मित्रा के वक्तव्य का संज्ञान लिया और इस संबंध में विधायक द्वारा दाखिल याचिका का यह कहते हुए निपटारा कर दिया कि अब यह अप्रासंगिक है क्योंकि याचिकाकर्ता ने पहले ही समर्पण कर दिया है. सुनवाई के दौरान पीठ ने लिपिका से मध्यस्थता की याचिका पर उनकी राय पूछी. पीठ में न्यायमूर्ति अमित्व राय भी हैं. पीठ ने कहा, ‘हमने लिपिका से पूछा कि क्या वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं तो उनका जवाब न था.’

इसके बाद हमने भारती के वकील विजय अग्रवाल से कहा कि वह नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में ताजा याचिका दाखिल करें. पीठ ने कहा, ‘अब यह याचिकाकर्ता पर है कि वह नियमित जमानत के लिए निचली अदालत का रुख करे. अगर दरख्वास्त की जाती है तो हम निचली अदालत से कहेंगे कि वह उसपर दाखिल किये जाने वाले दिन ही या उसके अगले दिन विचार करे.’ उच्चतम न्यायालय ने 1 अक्तूबर को भारती के वकील की उन्हें अंतरिम जमानत देने की मौखिक याचिका को मंजूरी देने से इंकार कर दिया था और आज लिपिका की मौजूदगी में मध्यस्थता की संभावना के बारे में उनकी राय जानने की बात कही थी.

41 वर्षीय आप विधायक को कल एक निचली अदालत ने एक दिन के लिए तिहाड जेल भेज दिया. इससे पूर्व दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि उसे भारती की हिरासत आगे नहीं चाहिए. भारती के वकील ने एक दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी क्योंकि भारती और लिपिका के बीच मध्यस्थता के संबंध में मामला सुनवाई के लिए उच्चतम न्यायालय में आज सूचीबद्ध था. हालांकि पुलिस ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत की मांग की थी. भारती ने 23 सितंबर को उच्चतम का रुख कर मामले में गिरफ्तारी से राहत मांगी थी.

उन्होंने उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर फैसला होने तक दिल्ली पुलिस को उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश देने की भी गुहार लगायी थी. 22 सितंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारती की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ आरोप ‘बहुत गंभीर’ हैं और ‘दस्तावेजी सुबूत’ के साथ हैं. लिपिका ने गत 10 जून को दिल्ली महिला आयोग में यह आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज करायी थी कि उनका पति 2010 में उनकी शादी के बाद से ही उन्हें प्रताडित कर रहा है. लिपिका ने इस संबंध में पुलिस में भी शिकायत दर्ज करायी थी. दिल्ली पुलिस ने इसके बाद भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत भारती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

क्या है आरोप

भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने अपने पति के खिलाफ 10 जून को दिल्ली महिला आयोग में शिकायत की थी. इसमें भारत पर आरोप लगाया गया था कि वह 2010 में विवाह के बाद से ही उनके साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. लिपिका ने इस संबंध में दिल्ली पुलिस में भी शिकायत दर्ज करवाई. पुलिस ने इसी शिकायत के आधार पर भारती के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. भारती के खिलाफ हत्या के प्रयास, पत्नी के प्रति क्रूरता, खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाने, महिला की सहमति के बगैर ही गर्भपात कराने का प्रयास, धोखाधड़ी और आपराधिक तरीके से डराने धमकाने के आरोपों में प्राथमिकी दर्ज है.

पिछली सोमवार रात किया था सरेंडर

पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सोमनाथ भारती से सरेंडर करने को कहा था जिसके बाद वे सोमवार देर रात द्वारका थाने पहुंचे थे. कोर्ट ने कहा था कि यदि वे सरेंडर करेंगे तो उनकी याचिका पर सुनवाई होगी. गिरफ्तारी से करीब सप्ताह भर से बचते फिर रहे आम आदमी पार्टी के विवादित विधायक सोमनाथ भारती ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के कुछ घंटों बाद सोमवार रात पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था. गौरतलब है कि भारती की पत्नी ने उनके खिलाफ घरेलू हिंसा और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया है.

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