नयी दिल्ली : जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की. मर्केल के इस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है. भारत और जर्मनी के बीच 18 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, इसके अलावा मैर्केल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 10वीं शताब्दी की एक दुर्गा की मूर्ति लौटायी और इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका शुक्रिया अदा किया.
राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत के बाद संवाददाताओं से कहा,‘ हम सम्मान करते हैं कि आपके प्रधानमंत्री के पास देश के विकास तथा आर्थिक वृद्धि के लिए महत्वाकांक्षी कार्यक्रम हैं तथा जर्मनी को इसमें भागीदारी व समर्थक बनने में पूरी रुचि है. ‘ मर्केल ने कहा कि जर्मनी अर्थव्यवस्था, कृषि, आंतरिक सुरक्षा, विकासात्मक मुद्दों, रक्षा मामलों व वित्तीय संबंध जैसे क्षेत्रों में सहयोग करेगा. मर्केल तीन दिन की भारत यात्रा पर आयी हैं.
PM thanks Chancellor Merkel for return of the 10th century statue of Durga in her Mahishasurmardini avatar. pic.twitter.com/q8jT3vFoDa
— PMO India (@PMOIndia) October 5, 2015
भारत और जर्मनी ने जर्मन कंपनियों के देश में निवेश में तेजी लाने तथा यहां कारोबार करने में उन्हें होने वाली बाधाओं को दूर करने के इरादे से एक अलग निकाय गठित करने के लिये आज एक समझौते पर हस्ताक्षर किये. औद्योगिक नीति एवं संवर्द्धन विभाग (डीआईपीपी) सचिव अमिताभ कांत ने भारत-जर्मन गोलमेज बैठक में यहां कहा, ‘‘हमने प्रस्तावों पर तेजी से अमल लाने के लिये समझौते किये हैं.
इसके तहत भारत में जर्मन कंपनियों के समक्ष आने वाले सभी मुद्दों पर मासिक आधार पर नजर रखी जाएगी.’ भारत में जर्मन दूतावास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि समझौते पर डीआईपीपी, वाणिज्य मंत्रालय तथा जर्मनी के आर्थिक एवं उर्जा मंत्रालयों ने हस्ताक्षर किये. इसके तहत एक अलग निकाय गठित किया जाएगा जो मार्च 2016 तक काम करने लगेगा. निकाय नियमित रुप से जर्मन कंपनियों के समक्ष आने वाली समस्याओं पर गौर कर उनके निवेश में तेजी लाएगा.
कांत ने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय और जर्मन कंपनियों को साथ मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जर्मन कंपनियों के पास अनूठी विशेषज्ञता है जिसका भारत को निश्चित रुप से लाभ उठाना चाहिए.उन्होंने कहा, ‘‘वृद्धि के लिये अवसर अभी शुरू हुए हैं. हम चाहेंगे कि जर्मन कंपनियों हमारे साथ गठजोड करे. मैंने जर्मन कंपनियों को यहां आने तथा विनिर्माण संयंत्र लगाने का न्यौता दिया.
भारत, जर्मनी के बीच कुछ विमानों में तैनात होंगे सशस्त्र मार्शल
भारत और जर्मनी ने विमान अपहरण के किसी भी तरह के प्रयास को विफल करने के उद्देश्य से आज एक सहमति-पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये जिसके अनुसार दोनों देशों के बीच कुछ उडानों में सशस्त्र मार्शल तैनात रहेंगे.
सुरक्षा सहयोग पर एक और समझौते के साथ हुए इस करार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल के बीच बातचीत से पहले हस्ताक्षर किये गये.केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजीजू और उनके जर्मन समकक्ष गुंटर किं्रग्स ने ‘अल्प समयावधि के भीतर विमानों में सुरक्षा अधिकारियों की तैनाती’ पर एमओयू पर हस्ताक्षर किये. दोनों ने आईएसआईएस आतंकवादी समूह के खतरों और इससे निपटने के लिए सहयोग पर चर्चा की.
रिजीजू ने किंग्स का ध्यान भारत में गतिविधियां चला रहे आतंकवादी और उग्रवादी तत्वों, खासकर सिख उग्रवादियों से जुडे लोगों और संगठनों की मौजूदगी और गतिविधियों की ओर खींचा. भारतीय मंत्री ने क्रिंग्स से कहा, ‘‘जर्मनी में इस तरह के उग्रवादी तत्व भारत में उग्रवादी तत्वों की मदद के लिए अकसर अपने धर्मस्थलों का इस्तेमाल करते हैं. नफरत और आक्रोश भडकाने के लिहाज से जर्मनी में कई सिख धर्मस्थलों पर खालिस्तान के झंडे और हथियार लिये हुए आतंकवादियों की तस्वीरें खुलकर प्रदर्शित की जाती हैं.’ जून-2015 में प्रकाशित संविधान संरक्षण की वार्षिक रिपोर्ट में जर्मनी मंे विदेशियों के उग्रवादी संगठनों की सूची में ‘उग्रवादी सिखों’ का विशेष उल्लेख किया गया है.