कैम्पबेल, सातोशी ओमुरा और तु यूयू को मिला चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार
भौतिकी और चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गयी है. इसमें तीन लोगों को एक साथ संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया गया है. विलियम सी कैम्पबेल, सातोशी ओमुरा और तु यूयू को दिया गया है. विलियम सी कैम्पबेल, सातोशी ओमुरा को यह पुरस्कार इनफैक्शन से निपटने के लिए थैरपी के लिए […]
भौतिकी और चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा कर दी गयी है. इसमें तीन लोगों को एक साथ संयुक्त रूप से पुरस्कार दिया गया है. विलियम सी कैम्पबेल, सातोशी ओमुरा और तु यूयू को दिया गया है. विलियम सी कैम्पबेल, सातोशी ओमुरा को यह पुरस्कार इनफैक्शन से निपटने के लिए थैरपी के लिए और यूयू को मलेरिया से निपटने के लिए थैरपी के लिए दिया गया. मलेरिया पूरी दुनिया के लिए प्रमुख खतरा बना हुआ है. पुरस्कार की घोषणा नोबेल कमेटी की सचिव अरबन लेन्डाल ने की.
BREAKING NEWS The 2015 #NobelPrize #Medicine to William C. Campbell @DrewUniversity, Satoshi Ōmura and Youyou Tu pic.twitter.com/qvH9XFZV7I
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2015
इस संबंध में जानकारी देते हुए नोबेल पुरस्कार के ट्वीटर हैंडल से ट्वीट किया गया पहली चीन की महिला को इस पुरस्कार के मिलने पर ढेर सारी शुभकामनाएं. साथ ही उनके प्रयासों के लिए उनकी जोरदार सराहना की गयी है. 30 दिसंबर 1930 को चीन में पैदा हुई तू यूयू चिकित्सा विज्ञानी और शिक्षक है.
शुरूआत से ही वह इस क्षेत्र में शोध में लगी थी .मलेरिया के खिलाफ कारगर दवा की तलाश उन्हें इस पुरस्कार के नजदीक ले आयी. 2015 का नोबेल पुरस्कार पाने वाले दूसरे हैं जापानी बायोकैमिस्ट सतोषी ओमुरा. उन्हें दवाओं के क्षेत्र में कई माइक्रोऑर्गेनिज़्म विकसित करने के लिए जाना जाता है उन्हें विलियम सी. कैम्पबेल के साथ संयुक्त रूप से दिया गया है परजीवी से होने वाले संक्रमणों के खिलाफ नई उपचार पद्धति विकसित करने के लिए मिला है.
Congrats for the first Chinese woman won Nobel Prize, applauded for her efforts in purifying artemesinin! Chang-shin http://t.co/7kpNFT7pFU
— The Nobel Prize (@NobelPrize) October 5, 2015
नोबेल पाने वाले तीसरे हैं आयरिश बायोकैमिस्ट विलियम सी. कैम्पबेल, जिनका जन्म वर्ष वह इस वक्त ड्रू यूनिवर्सिटी में सेवानिवृत्त रिसर्च फेलो हैं. विलियम सी. कैम्पबेल ने ग्रेजुएशन डबलिन (आयरलैंड) के ट्रिनिटी कॉलेज से किया था, और पीएचडी यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन से। वर्ष 1957 से 1990 तक वह मर्क इंस्टीट्यूट ऑफ थैराप्यूटिक रिसर्च से जुड़े रहे. नोबल पुरस्करों के 114 वर्षों के इतिहास में अब तक 889 लोगों को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिल चुका है। शांति, साहित्य, भौतिक, चिकित्सा, केमिस्ट्री और वर्ष 1969 से अर्थशास्त्र में नई खोज या नया काम करने वालों को यह सम्मान दिया जाता है.