सोने की तलाश पर निगरानी रख सकता है सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज उस जनहित याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई जिसमें उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा गांव में सोने की तलाश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा की जा रही खुदाई पर निगरानी रखने का आग्रह किया गया है. प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 18, 2013 12:40 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने आज उस जनहित याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताई जिसमें उत्तर प्रदेश में उन्नाव जिले के डौंडिया खेड़ा गांव में सोने की तलाश में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा की जा रही खुदाई पर निगरानी रखने का आग्रह किया गया है.

प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि, इस पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता से याचिका में खामियों को दूर करने के लिए कहा. याचिका सुनवाई के लिए अगले हफ्ते आएगी.

याचिका अधिवक्ता एम एल शर्मा ने दायर की है. उन्होंने कहा कि मामले में निगरानी की आवश्यकता है क्योंकि बहुमूल्य संसाधन नष्ट हो सकता है. शर्मा ने याचिका पर तत्काल सुनवाई किए जाने का आग्रह किया.

पीठ ने हालांकि, कहा कि प्रक्रिया की देखरेख के लिए राज्य सरकार वहां है और जनहित याचिका पर इसकी खामियों को दूर किए जाने के बाद ही सुनवाई पर सहमति जताई.

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा संत शोभन सरकार को यह सपना आने के बाद बहु प्रचारित खुदाई की जा रही है कि डौंडिया खेड़ा गांव में राजा राव राम बख्श सिंह के किले के नजदीक 1,000 टन सोना दबा है.

सरकार ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में बहुत सी जगहों पर खजाना दबा है. राजा राव राम बख्श सिंह देश की आजादी के लिए 1857 में लड़ी गई लड़ाई के शहीद थे.

शोभन सरकार के सपने को स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया था. हालांकि, एक केंद्रीय मंत्री ने क्षेत्र का दौरा किया और संत से मुलाकात की. मंत्री ने तब एएसआई को इस पर काम करने का निर्देश दिया, जो आज से शुरु हो गया.

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