यदि नाकेबंदी खत्म नहीं हुई तो भारत से परे कहीं और देखेंगे : नेपाल

नयी दिल्ली: भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने आज कहा कि यदि असंवैधानिक विरोध करने वाले लोगों ने उसकी सीमाओं पर नाकेबंदी को खत्म नहीं किया तो उनके देश को भारत से परे कहीं और देखना पडेगा तथा उसका स्वाभाविक भागीदार चीन होगा. इस नाकेबंदी के कारण नेपाल में आवश्यक वस्तुओं की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2015 10:27 PM

नयी दिल्ली: भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने आज कहा कि यदि असंवैधानिक विरोध करने वाले लोगों ने उसकी सीमाओं पर नाकेबंदी को खत्म नहीं किया तो उनके देश को भारत से परे कहीं और देखना पडेगा तथा उसका स्वाभाविक भागीदार चीन होगा. इस नाकेबंदी के कारण नेपाल में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. राजदूत ने कहा कि चारों ओर भूमि से घिरा यह देश सीमा पार से आने वाले यातायात के बाधित होने के कारण संकट से गुजर रहा है.

इससे आवश्यक वस्तुओं के परिवहन पर बुरी तरह प्रभाव पडा है विशेषकर इंर्धन पर. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इंडियन आयल कार्पोरेशन एवं नेपाल आयल कार्पोशन के बीच समझौते का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘जब हमसे यह पूछा जाता है (पत्रकारों द्वारा) कि यदि नाकेबंदी खत्म नहीं हुई तो हम कहते हैं कि हमें बाहरी दुनिया की ओर देखना पडेगा . नेपाल तीन तरफ से भारत से घिरा है.

एक तरफ हिमालय है जहां की भौगोलिक स्थिति बहुत दुर्गम है. हमारी प्राथमिकता होगी कि भारत सरकार की मदद से सामान्य स्थिति बहाल की जाए.” उपाध्याय ने कहा कि नेपाल दोनों देशों के बीच सभी गलतफहमियों एवं नकारात्मकताओं को दूर करना चाहता है. उन्होंने दावा किया कि एक बडा देश होने के नाते भारत को संकीर्णता नहीं दिखानी चाहिए.

भारत में नेपाल के राजदूत दीप कुमार उपाध्याय ने आज कहा कि यदि असंवैधानिक विरोध करने वाले लोगों ने उसकी सीमाओं पर नाकेबंदी को खत्म नहीं किया तो उनके देश को भारत से परे कहीं और देखना पडेगा तथा उसका स्वाभाविक भागीदार चीन होगा. इस नाकेबंदी के कारण नेपाल में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. राजदूत ने कहा कि चारों ओर भूमि से घिरा यह देश सीमा पार से आने वाले यातायात के बाधित होने के कारण संकट से गुजर रहा है.

इससे आवश्यक वस्तुओं के परिवहन पर बुरी तरह प्रभाव पडा है विशेषकर इंर्धन पर. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इंडियन आयल कार्पोरेशन एवं नेपाल आयल कार्पोशन के बीच समझौते का उल्लंघन नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘जब हमसे यह पूछा जाता है (पत्रकारों द्वारा) कि यदि नाकेबंदी खत्म नहीं हुई तो हम कहते हैं कि हमें बाहरी दुनिया की ओर देखना पडेगा . नेपाल तीन तरफ से भारत से घिरा है.

एक तरफ हिमालय है जहां की भौगोलिक स्थिति बहुत दुर्गम है. हमारी प्राथमिकता होगी कि भारत सरकार की मदद से सामान्य स्थिति बहाल की जाए.” उपाध्याय ने कहा कि नेपाल दोनों देशों के बीच सभी गलतफहमियों एवं नकारात्मकताओं को दूर करना चाहता है. उन्होंने दावा किया कि एक बडा देश होने के नाते भारत को संकीर्णता नहीं दिखानी चाहिए.

Next Article

Exit mobile version