15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

शिवसेना ने गुलाम अली को आमंत्रित करने पर दिल्ली, बंगाल सरकार को कोसा

मुंबई : पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का मुंबई में कंसर्ट रद्द करने के लिए बाध्य करने के बाद शिवसेना ने आज पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों पर निशाना साधा जिन्होंने गुलाम अली को अपने राज्यों में कार्यक्रम पेश करने के लिए आमंत्रित किया है. शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक तीखे संपादकीय […]

मुंबई : पाकिस्तानी गजल गायक गुलाम अली का मुंबई में कंसर्ट रद्द करने के लिए बाध्य करने के बाद शिवसेना ने आज पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों पर निशाना साधा जिन्होंने गुलाम अली को अपने राज्यों में कार्यक्रम पेश करने के लिए आमंत्रित किया है.

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में एक तीखे संपादकीय में कहा कि जो लोग उनका कार्यक्रम देखने को उत्सुक हैं उन्हें सीमा पर मारे गए भारतीय सैनिकों के घर ले जाया जाना चहिए ताकि उन्हें उनकी पीड़ा की जानकारी मिल सके. पार्टी ने यह सवाल किया कि क्या पाकिस्तानी कलाकारों ने कभी अपने देश से भारतीय धरती पर हमलों की निंदा की है.

पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों ने कल गुलाम अली को अपने यहां कार्यक्रम करने की पेशकश की थी और कहा था कि संगीत और संस्कृति की कोई सीमा नहीं होती है. इसके पहले शिवसेना की धमकी के बीच गुलाम अली का मुंबई और पुणे में होने वाले कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया था.

सामना ने कहा कि पाकिस्तान द्वारा उत्पीड़न जारी रहने के बीच जो लोग पाकिस्तानी कलाकारों की गजलें सुनना चाहते हैं, उन्हें सीमा पर पडोसी देश द्वारा मारे गए सैनिकों के घरों में ले जाना चाहिए जिससे वे जवानों के परिवारों के गुस्से को जान सकें.

शिवसेना ने सवाल किया, ‘‘क्या मुंबई और अन्य स्थानों पर दंगों, बम विस्फोटों और आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान नहीं है? क्या पाकिस्तानी कलाकारों ने कभी अपने देश द्वारा भारतीय धरती पर इन हमलों की निंदा की है? ” इसमें कहा गया है, ‘‘ ये कलाकार सिर्फ यहां आना चाहते हैं, कार्यक्रम पेश करते हैं, पैसे कमाते हैं और अपने देश लौट जाते हैं.

गुलाम अली का कार्यक्रम रद्द करने के लिए बाध्य करने की पार्टी की आलोचना पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा, ‘‘ जो लोग कहते हैं कि राजनीति को खेल और संस्कृति से नहीं जोडना चाहिए, वे देशभक्ति की भावनाओं को कमतर कर रहे हैं.” संपादकीय में कहा गया है कि लता मंगेशकर, आशा भोंसले और अमिताभ बच्चन जैसे भारतीय कलाकारों को पाकिस्तान में कार्यक्रम नहीं पेश करने दिया गया लेकिन गुलाम अली जैसे कलाकारों ने कभी भी इस पर नाराजगी नहीं जतायी.

शिवसेना ने कहा, ‘‘ ठाकरे परिवार में काफी शिल्प और संस्कृति है. इसलिए लोगों को इस विषय पर हमें सीख नहीं देनी चाहिए. अगर इन पाकिस्तानी कलाकारों में साहस है तो उन्हें अपनी कला के माध्यमों का उपयोग पाकिस्तान से संचालित आतंकवाद की निंदा के लिए करनी चाहिए.”

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें