आरक्षण दलितों और पिछड़ों का अधिकार, इसे कोई छीन नहीं सकता : मोदी
मुंबई : बिहार विधानसभा के पहले चरण के चुनाव की पूर्वसंध्या पर बी आर अंबेडकर की विरासत को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस बात से इनकार किया कि उनकी सरकार आरक्षण व्यवस्था को रद्द करने वाली है. उन्होंने इस ‘‘दुष्प्रचार’ के लिए ‘‘झूठे लोगों के एक समूह’ को आडे हाथ लिया. […]
मुंबई : बिहार विधानसभा के पहले चरण के चुनाव की पूर्वसंध्या पर बी आर अंबेडकर की विरासत को याद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज इस बात से इनकार किया कि उनकी सरकार आरक्षण व्यवस्था को रद्द करने वाली है. उन्होंने इस ‘‘दुष्प्रचार’ के लिए ‘‘झूठे लोगों के एक समूह’ को आडे हाथ लिया.
यहां एक सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘जब भी भाजपा की कोई सरकार सत्ता में होती है, झूठे लोगों का एक समूह दुर्भावनापूर्ण प्रचार करता है कि हम आरक्षण को खत्म करने वाले हैं. अटल बिहारी वाजेपयी की सरकार के दौरान भी यही हुआ था.
मोदी ने कहा, आरक्षण दलितों और पिछड़ों का अधिकार है और इसे कोई भी छीन नहीं सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘झूठी बातें बंद होनी चाहिए. समाज में आतंक पैदा करने का काम बंद होना चाहिए. यह राजनीति नहीं है.’ प्रधानमंत्री ने यह बात ऐसे समय में कही है जब कल बिहार विधानसभा के पहले चरण का चुनाव होने वाला है. पिछले दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मौजूदा आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा की बात कही थी. इसके बाद से नीतीश कुमार-लालू प्रसाद-कांग्रेस के ‘महागठबंधन’ ने बिहार विधानसभा चुनावों में इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है.
नीतीश और लालू ने भागवत के बयान का कड़ा विरोध करते हुए दावा किया था कि पिछडे वर्गों और कमजोर तबकों को दिए जा रहे मौजूदा आरक्षण को खत्म करने की कोशिशें की जा रही हैं. एमएमआरडीए मैदान में अपने 45 मिनट के भाषण में मोदी ने कहा, ‘‘जब भी चुनाव होने वाले होते हैं तो अफवाह फैलाने का यह काम शुरु हो जाता है.’
मोदी ने कहा, ‘‘जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, विपक्ष आरक्षण पर बहस शुरु कर देता है.” उन्होंने इस बात से इनकार किया कि आरक्षण नीति पर कोई पुनर्विचार किया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसी चीज है जो बाबासाहेब अंबेडकर ने हमें दी है और कोई भी ताकत इसे छीन नहीं सकती.” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने गरीबी देखी है. मैंने इसे जिया है. समाज के वंचित तबकों के उत्थान के लिए काफी कुछ किया जाना बाकी है, उनकी बेहतरी के लिए बाबासाहेब प्रतिबद्ध थे.
” मुंबई में अंबेडकर स्मारक की आधारशिला रखने के बाद मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने भारतीय संविधान के रचयिता के जीवन से जुडे पांच महत्वपूर्ण स्थानों को विकसित करने की परियोजना शुरु की है, जिनका नाम ‘‘पांच तीर्थ” दिया जाएगा. ये ऐसी जगहें होंगी जहां लाखों लोग आएंगे और अंबेडकर को श्रद्धांजलि देंगे. इंदु मिल के अलावा और जिन स्थानों को विकसित किया जाएगा, उनमें मध्य प्रदेश के मउ स्थित अंबेडकर का जन्म-स्थान, दिल्ली में अलीपुर रोड स्थित अंबेडकर का आवास, तटीय महाराष्ट्र में उनका पैतृक गांव और लंदन स्थित वह घर शामिल है जिसमें उन्होंने कुछ साल बिताए थे.
अंबेडकर को ‘‘महापुरुष” करार देते हुए मोदी ने कहा कि उन्होंने जीवन में बहुत सारी चुनौतियों का सामना किया लेकिन कभी भी बैर-भाव नहीं रखा और न उनमें कभी बदले की भावना रही. मोदी ने कहा, ‘‘यदि अंबेडकर नहीं होते तो यह मोदी कहां होता.” राष्ट्र की सेवा में अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि 26 नवंबर को ‘‘संविधान दिवस” के रुप में मनाया जाएगा.
गौरतलब है कि 26 नवंबर 1949 को ही भारत का संविधान स्वीकार किया गया था. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘यदि दीर्घकालिक सोच के अभाव में हम यह कहें कि अंबेडकर का संबंध दलितों से है, तो यह उनके साथ अन्याय होगा. वह हर किसी से जुडे हुए हैं.” मोदी ने कहा, ‘‘मैं राजनीति में नहीं पडना चाहता, लेकिन यह सच है कि हमें संविधान देने वाले अंबेडकर की प्रतिमा संसद में तभी लग सकी जब एक भाजपा समर्थित सरकार सत्ता में आई.
” प्रधानमंत्री ने अंबेडकर को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने में हुई देरी की भी निंदा की. कमजोर तबकों के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धता दोहराते हुए मोदी ने कहा कि दलितों, आदिवासियों और अन्य पिछडे वर्गों की अधिकतम जनसंख्या वाले राज्यों ने भाजपा की सरकारों को चुना है. उन्होंने इस बात पर भी संतोष जताया कि अंबेडकर स्मारक की आधारशिला रखने के मौके पर आज विभिन्न दलित पार्टियों के नेता एक मंच पर आए.
महाराष्ट्र में कृषि संकट पर मोदी ने अफसोस जताया कि पिछले कई सालों से सिंचाई सुविधाओं में सुधार के लिए ज्यादा काम नहीं किया गया. जल संरक्षण की दिशा में ‘‘उत्कृष्ट” प्रयासों के लिए मोदी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की. उन्होंने कहा कि इससे जल भंडारण क्षमता बढाने में मदद मिली है. मोदी ने याद किया कि गुजरात में मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने जल संरक्षण का काम कैसे शुरु किया था.
उन्होंने कहा, ‘‘देवेंद्र जी जिस तरह महाराष्ट्र में काम कर रहे हैं, उससे यह एक ऐसे राज्य के तौर पर उभरेगा जो दूसरों को एक नई दिशा दिखाएगा.” मोदी ने महाराष्ट्र के अपने कैबिनेट सहकर्मियों नितिन गडकरी और सुरेश प्रभु की ओर से किए जा रहे कामों की भी तारीफ की. प्रधानमंत्री ने किसानों से अपील की कि वे अतिरिक्त आय के लिए मधुमक्खी पालन का काम शुरु करें. उन्होंने कहा कि यहां शहद का वैश्विक बाजार है.