Loading election data...

56 इंच की छाती वाले मां की याद में रोने के बजाय उसे साथ क्यों नहीं रखते : हार्दिक

रतलाम (मप्र) : गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हार्दिक पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष निशाना साधते हुए आज कहा कि विदेश में जाकर मां को याद कर रोने के बजाय उन्हें अपनी मां को साथ रखना चाहिये. मध्यप्रदेश पाटीदार समाज की महापंचायत को संबोधित करते हुए 22 वर्षीय पाटीदार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2015 9:53 PM

रतलाम (मप्र) : गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हार्दिक पटेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर परोक्ष निशाना साधते हुए आज कहा कि विदेश में जाकर मां को याद कर रोने के बजाय उन्हें अपनी मां को साथ रखना चाहिये.

मध्यप्रदेश पाटीदार समाज की महापंचायत को संबोधित करते हुए 22 वर्षीय पाटीदार नेता हार्दिक ने आज यहां प्रधानमंत्री मोदी का नाम लिये बिना कहा, ‘‘56 इंच की छाती बताने वाला विदेशों में रोकर कहता है कि मां की बहुत याद आती है. यदि मां की इतनी चिंता है, वह उन्हें साथ क्यों नही रख लेते.” पिछले माह अमेरिका यात्रा के दौरान सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक के टाउन हॉल में अपनी मां को याद कर मोदी की आंखो में आंसू आ गये थे.

पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक ने आगे कहा, ‘‘जिस गुजरात मॉडल की दुहाई देकर देश का प्रधान बन गए, उसकी हालत वास्तव में बिहार और उत्तर प्रदेश जैसी है.” उन्होंने कहा, ‘‘पिछले दो महिनों में गुजरात में कई किसान मर गए हैं. वहां योग्य युवाओं को डॉक्टर और इंजीनियर बनने का मौका नहीं मिलता.

उन्होंने कहा, ‘‘लोग गुजरात को काफी समृद्ध राज्य मानते हैं लेकिन वहां कुछ लोग ही मजबूत हैं.” हार्दिक ने मध्यप्रदेश में पाटीदारों को 14 प्रतिशत और अन्य राज्यों में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलने पर कटाक्ष किया कि क्या मध्यप्रदेश पाकिस्तान में है. इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि मध्यप्रदेश के कुछ जिलों में पाटीदारों को ओबीसी का लाभ भी नहीं मिल रहा है तो क्या यह जिले चीन में हैं.

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद एक भी पाटीदार राज्यसभा का सदस्य नहीं बना, जबकि पूरे देश को एक सूत्र में बांधने वाले नेता सरदार वल्लभभाई पटेल ही थे. उन्होंने कहा ‘‘80 फीसद पाटीदार भाजपा के साथ हैं, इसलिये वह उन्हें मूर्ख समझ रही है. यदि पाटीदार समाज को उचित सम्मान नहीं मिलेगा तो प्रदेश क्या भविष्य में देश में भी कमल नहीं खिलेगा.”

Next Article

Exit mobile version