नजमा हेपतुल्ला ने विरोधियों पर लगाया आरोप सांप्रदायिक मुद्दों के साथ खेलने का आऱोप

श्रीनगर: केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा है कि विपक्ष बिहार चुनावों में भाजपा की जीत की संभावनाओं से ‘डरकर’ विकास से ध्यान भटकाकर सांप्रदायिक राजनीति की ओर ले जा रहा है. नजमा ने विश्वास जताया कि भाजपा इन चुनावों में पर्याप्त बहुमत हासिल करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार चुनावी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2015 3:57 PM
श्रीनगर: केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने कहा है कि विपक्ष बिहार चुनावों में भाजपा की जीत की संभावनाओं से ‘डरकर’ विकास से ध्यान भटकाकर सांप्रदायिक राजनीति की ओर ले जा रहा है. नजमा ने विश्वास जताया कि भाजपा इन चुनावों में पर्याप्त बहुमत हासिल करेगी.
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार चुनावी मुद्दे के रुप में सिर्फ विकास पर गौर कर रही है. उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे दल सांप्रदायिक मुद्दों के साथ खेल रहे हैं. अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जात-पात या रंग के आधार पर किसी भी भेदभाव से परे, हमेशा विकास की बात की है…‘सबका साथ सबका विकास’.
हमारे पास जो सबसे ज्यादा धर्मनिरपेक्ष एजेंडा हो सकता है, वह यही है.” वह यहां सात उत्तरी राज्यों के लिए अपने मंत्रालय की बैठक की समीक्षा के संबंध में यहां मौजूद थीं. गौमांस प्रतिबंध और दादरी जैसे विवादास्पद मुद्दों के बिहार के चुनावों के केंद्र में आ जाने का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि विपक्ष चुनावों में भाजपा की जीत की संभावनाओं को देखकर डरा हुआ है और ध्यान भटकाकर सांप्रदायिक राजनीति की ओर खींच रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘इस साल की शुरुआत में दिए एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह धर्म के नाम पर वोट मांगने के बजाय चुनाव हार जाना पसंद करेंगे।” उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा को मिली भारी जीत के बाद विपक्षी दल विकास से ध्यान भटकाकर सांप्रदायिक राजनीति की ओर लगा रहे हैं.”
जब नजमा से बिहार चुनावों में भाजपा की संभावनाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनाव विश्लेषक नहीं हूं कि आपको बता सकूं कि हम कितनी सीटें जीतने वाले हैं.” ‘‘हालांकि मैं यह बता सकती हूं कि हमें पर्याप्त बहुमत मिलेगा।” नजमा ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार का दिशानिर्देशन करने के लिए एकमात्र ‘पवित्र पुस्तक’ है – ‘संविधान’, और ‘‘हम इसका पालन करेंगे।” उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों से पहले ऐसी शंकाएं थीं कि यदि मोदी के नेतृत्व में भाजपा सत्ता में आती है तो अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय ठप्प पड सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा नहीं हुआ. असल में, बजट का आवंटन 1500 करोड रुपए से दोगुना यानी 3000 करोड रुपए हो गया।” नजमा ने कहा कि अल्पसंख्यकों को पिछडेपन से उबारने के प्रमुख माध्यम के रुप में उनका मंत्रालय शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘एनएमडीसी के संग्रह की 60 प्रतिशत से ज्यादा राशि को अल्पसंख्यकों को छात्रवृत्ति देने में खर्च किया जा रहा है. हमारा मानना है कि शिक्षा एकमात्र ऐसा रास्ता है, जिसके जरिए समाज के वंचित तबकों को बाकियों के बराबर लाया जा सकता है.” मंत्री ने कहा कि इसके अलावा कौशल विकास के क्षेत्र पर गौर किया जा रहा है. यह युवाओं के लिए रोजगार, आर्थिक समृद्धि और पारंपरिक कलाओं के संरक्षण को सुनिश्चित करेगा.
उन्होंने कहा, ‘‘हमने 18 कलाओं और शिल्प की पहचान की है, जिन्हें कौशल विकास कार्यक्रम के तहत प्रोत्साहन दिया जाएगा। हम कलाओं और शिल्पकारी को आर्थिक रुप से आकर्षक बनाना चाहते हैं ताकि एक बुनकर के बेटे को दूसरे व्यापार न करने पडें। यह कालीन बुनाई, लकडी पर नक्काशी जैसी हमारी शिल्पकारी को दम तोडने से बचाने में मददगार होगा।” नजमा ने कहा कि उनका मंत्रालय अल्पसंख्यकों के उत्थान के लिए आगामी दिनों में और अधिक कार्यक्रम लेकर आ रहा है.

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