अनशन पर बैठे जगनमोहन रेड्डी की हालत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती

गुंटूर (आंध्रप्रदेश) : आंध्रप्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर छह दिन पहले अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने वाले वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी को उनके स्वास्थ्य में आती गिरावट के चलते आज जबरन अस्पताल में भर्ती कराया गया. एएसपी भास्करराव के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों के दल ने तड़के लगभग साढ़े […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 12:04 PM

गुंटूर (आंध्रप्रदेश) : आंध्रप्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर छह दिन पहले अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने वाले वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी को उनके स्वास्थ्य में आती गिरावट के चलते आज जबरन अस्पताल में भर्ती कराया गया.

एएसपी भास्करराव के नेतृत्व में पुलिसकर्मियों के दल ने तड़के लगभग साढ़े चार बजे एक एंबुलेंस में जगन को नल्लापाडू स्थित अनशन शिविर से गुंटूर सरकारी अस्पताल में स्थानांतरित किया. इस दौरान वाईएसआरसीपी के समर्थक और स्वयंसेवी बड़ी संख्या में मौजूद थे, जो कि उस क्षेत्र से अपने नेता को हटाये जाने का विरोध कर रहे थे.

जगन के स्वास्थ्य की स्थिति का निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि उनके शरीर में कीटोन की मात्रा बढ़ गयी है, जिसके कारण किडनी से जुड़ी समस्याएं और कई अन्य जटिलताएं हो सकती हैं. स्वास्थ्य से जुड़े अन्य मानकों की भी स्थिति चिंताजनक बतायी गयी.
अस्पताल में जगन का इलाज कर रहे डॉक्टरों ने यह भी कहा कि जगन को अपनी स्थिति सुधारने के लिए तरल भोजन लेना शुरू करना चाहिए. हालांकि जगन अपनी भूख हड़ताल जारी रखना चाहते थे. डॉक्टरों ने उनको नसों के माध्यम से (इन्ट्रावेनसली) तरल भोजन दिया. आंध्रप्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता की हालत पर नजर रखी जा रही है.
जगन को अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उनकी बहन शर्मिला ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने 42 वर्षीय नेता का अनशन तुड़वाया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की नयी राजधानी अमरावती में आधारशिला रखने के लिए 22 अक्तूबर को राज्य के दौरे पर आ रहे हैं. इसी बीच वाईएसआरसीपी के नेता बोत्सा सत्यनारायण ने आंध्रप्रदेश की जनता के लिए लड़ाई लड़ने की जगन की प्रतिबद्धता की सराहना की.

उन्होंने कहा कि राज्य को विशेष दर्जा दिलाने के लिए पार्टी अपनी नयी रणनीति तैयार करेगी. सीमांध्र (नये आंध्रप्रदेश) को विशेष दर्जा देने का वादा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पिछले साल आंध्रप्रदेश के विभाजन के दौरान संसद में किया था. सत्ता में आने के एक साल बाद भी विशेष दर्जा न देने के लिए वाईएसआर कांग्रेस, कांग्रेस, वाम दल तेदेपा-भाजपा गठबंधन की सरकार पर निशाना साधते आए हैं.

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