नगर निगम चुनावों में नहीं होगा शिवसेना-भाजपा का गठबंधन !
मुंबई : शिवसेना ने कल्याण-डोंबीवली नगर निगम के चुनावों में अकेले ही उतरने और भाजपा के साथ कोई गठबंधन न करने का फैसला किया है. शिवसेना और भाजपा राज्य और केंद्र में सत्ता के साझीदार हैं.पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह फैसला कल रात को शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान […]
मुंबई : शिवसेना ने कल्याण-डोंबीवली नगर निगम के चुनावों में अकेले ही उतरने और भाजपा के साथ कोई गठबंधन न करने का फैसला किया है. शिवसेना और भाजपा राज्य और केंद्र में सत्ता के साझीदार हैं.पार्टी के एक नेता ने कहा कि यह फैसला कल रात को शिवसेना के वरिष्ठ नेताओं की बैठक के दौरान लिया गया.
शिवसेना की ओर से यह बयान दरअसल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा शिवसेना पर नाराजगी जताये जाने के बाद आया है. फडणवीस ने पाकिस्तान के पूर्व विदेशमंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी की पुस्तक के विमोचन समारोह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए शिवसेना पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि उसने राज्य का नाम खराब किया है.
कल्याण और डोंबीवली मुंबई के साथ सटे उपनगर हैं और फिलहाल नगर निगम का नियंत्रण शिवसेना-भाजपा गठबंधन के हाथ में है.शिवसेना सभी 122 सीटों पर अकेले ही लड़ने के लिए तैयार है. केडीएमसी के चुनाव एक नवंबर को होने हैं.
भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने बताया कि पार्टी ने गठबंधन के मुद्दे पर फैसला कल्याण में भाजपा की स्थानीय इकाई पर छोड़ दिया है. उन्होंने कहा, ‘‘हम स्थानीय इकाई पर कुछ भी थोपने नहीं वाले.” शिवसेना ने कसूरी की पुस्तक ‘नाइदर ए हॉक, नॉर ए डव: एन इनसाइडर अकाउंट ऑफ पाकिस्तान्स फॉरेन पॉलिसी’ के विमोचन का विरोध करते हुए कहा था कि जब तक पाकिस्तान भारतीय धरती पर आतंकी हमलों का समर्थन करता है, तब तक उसके साथ कोई संबंध नहीं रखा जाना चाहिए.
कल, शिवसेना के सदस्यों ने भाजपा के पूर्व सलाहकार और स्तंभकार सुधींद्र कुलकर्णी पर काले रंग का पेंट लगा दिया था. कुलकर्णी कसूरी की पुस्तक के विमोचन समारोह के आयोजक थे.शिवसेना के विरोध प्रदर्शनों को खारिज करते हुए कल शाम फडणवीस ने कहा था कि इससे राज्य की प्रतिष्ठा को धक्का लगा है. उन्होंने कहा था, ‘‘हम कसूरी का समर्थन नहीं कर सकते लेकिन अपने राज्य को अराजक स्थल नहीं बनने दे सकते.
कानून का शासन बना हुआ है. मुझे लगता है कि जिस तरह से चीजें हुई हैं, उससे हमारे राज्य का नाम खराब हुआ है. विचार रखने के लिए बेहतर तरीके हो सकते थे.” कसूरी की पुस्तक का विमोचन कल रात कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ.