नयी दिल्ली:वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने भाजपा के संसदीय बोर्ड के खिलाफ मानहानि का केस किया है. गौरतलब है कि अनुशासनहीनता को लेकर जेठमलानी को पार्टी ने निकाल दिया था.
उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस याचिका में उन्होंने संसदीय बोर्ड के 11 सदस्यों में से दो को बख्श दिया है. ये दो नेता हैं, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, जो बोर्ड के मेंबर तो हैं, मगर खराब स्वास्थ के चलते पिछले कई बरसों से इसकी बैठक में हिस्सा नहीं ले रहे. दूसरा नाम है बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी का. जेठमलानी मोदी के करीबी समझे जाते हैं और बीजेपी की तरफ से राज्यसभा की सीट उन्हें मोदी के कहने पर ही मिली थी. बदले में वरिष्ठ वकील ने गुजरात सरकार के कई मामलों की सुप्रीम कोर्ट में जोरदार पैरवी की.
बहरहाल, अब जेठमलानी ने बीजेपी के बाकी नेताओं के खिलाफ कमर कस ली है औऱ कहा है कि उन्हें पार्टी से निकालने में जो रंग ढंग अपनाए गए, जिस भाषा का इस्तेमाल हुआ, उससे मेरा समाज में अपमान हुआ है. इतना ही नहीं 5 अक्टूबर को दाखिल इस याचिका में जेठमलानी ने बोर्ड के जिन 9 सदस्यों को प्रतिवादी बनाया है, उनमें से हर एक से 50 लाख मुआवजे की भी मांग की है.