भारत में हर 20 मिनट में एक महिला होती है दुष्कर्म का शिकार
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर 20 मिनट में एक महिला दुष्कर्म का शिकार हो रही है. आंकड़ों की माने तो भारत में हर तीन मिनट में एक महिला के साथ हिंसा की कोई न कोई घटना घटती है मगर हजारो गुमनाम घटनाएं हैं जिसकी शिकायत थानों में दर्ज नहीं […]
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार भारत में हर 20 मिनट में एक महिला दुष्कर्म का शिकार हो रही है. आंकड़ों की माने तो भारत में हर तीन मिनट में एक महिला के साथ हिंसा की कोई न कोई घटना घटती है मगर हजारो गुमनाम घटनाएं हैं जिसकी शिकायत थानों में दर्ज नहीं की जाती है.
इन मामलों को दर्ज करने और उनके खिलाफ़ कार्रवाई का माहौल बनाने के लिए दिल्ली और मुंबई के चार नौजवानों ने मिलकर सेफसिटी नाम की बेवसाइट की शुरुआत की है. ‘सेफसिटी’ पर कोई भी व्यक्ति कभी भी यौन दुर्व्यवहार, छेड़छाड़, दुष्कर्म या इस तरह के दूसरे यौन अपराधों की जानकारी दर्ज करा सकता हैं. मकसद है यौन अपराधों को दर्ज कराने की प्रक्रिया को खासतौर पर महिलाओं के लिए आसान बनाना है. ‘सेफसिटी’ की नींव रखने वालों के नाम क्रमश: सूर्या वेलामरी, एल्सा डिसिल्वा, सलोनी मल्होत्रा और आदित्य है.
सूर्या बताती हैं, ‘अपने कोर्स के दौरान हम लोगों ने महिलाओं के अधिकारों और यौन हिंसा के खिलाफ काम करने का मन बनाया. इस बीच हम स्वीडन से लौटे और कुछ ही दिन बाद दिल्ली में हुए बर्बर दुष्कर्म ने पूरे देश को झकझोर दिया. इसके बाद अगले पांच दिन में हम लोगों ने मिलकर सेफसिटी की शुरुआत की."
‘क्राउड सोर्सिंग’ यानी भीड़ से जानकारियां जुटाने की कोशिश पर आधारित ‘सेफसिटी’ का मकसद भारत के हर शहर और इन शहरों के अलग-अलग इलाकों में होने वाले यौन अपराधों का एक डाटा-बैंक तैयार करना है. ताकि सुरक्षित-असुरक्षित इलाकों के बारे में ज्यादा से ज्यादा और पुख्ता जानकारी उपलब्ध हो. ये सभी घटनाएं एक नक्शे पर दर्ज होती जाती हैं.
वेबसाइट पर दर्ज करने के लिए यौन आपराधों को कई श्रेणियों में बांटा गया है. कोशिश की गई की भारत में महिलाओं के खिलाफ होने वाले हर तरह के अपराध को किसी न किसी श्रेणी में शामिल किया जा सके. मसलन अश्लील इशारे करना, गुप्तांग दिखाकर किया जाने वाला यौन उत्पीड़न, छूने और पकड़ने की कोशिश, तस्वीरें लेना और परेशान करने वाली इस तरह की कई हरकतें.