गोमांस पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कल होगी अंतिम सुनवाई

मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई की तारीख कल के लिए निर्धारित की है. याचिका पर न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति वी एल अचिलिया की पीठ 14 अक्तूबर से तीन दिन के लिए सुनवाई करेगी.फरवरी 2015 में राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 8:55 PM
मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई की तारीख कल के लिए निर्धारित की है.
याचिका पर न्यायमूर्ति अभय ओका और न्यायमूर्ति वी एल अचिलिया की पीठ 14 अक्तूबर से तीन दिन के लिए सुनवाई करेगी.फरवरी 2015 में राष्ट्रपति ने महाराष्ट्र पशु संरक्षण (संशोधन) अधिनियम को मंजूरी दे दी थी . जहां अधिनियम में गो हत्या पर 1976 में ही प्रतिबंध लगा दिया गया था, वहीं हाल के संशोधन में सांड और बैल की भी हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
संशोधित अधिनियम के अनुसार राज्य में सांड और बैलों की बिक्री दंडनीय अपराध है जिसके लिए पांच साल के कारावास और 10 हजार रपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा गाय, सांड या बैल का मांस रखना भी अपराध है जिसके लिए एक साल की जेल और 2000 रपये के जुर्माने की सजा का प्रावधान है.
याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने अप्रैल में गोमांस रखने से संबंधित कानून पर अंतरिम रोक लगाने से इंकार कर दिया था.शहर निवासी आरिफ कपाडिया और जाने-माने वकील हरीश जगतियानी ने कानून के प्रावधानों को चुनौती दी है, जो कहता है कि राज्य में किसी भी स्थान पर महज गोमांस रखना अपराध है.

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