जम्मू-कश्मीर : पुलिस फोर्स छोड़कर आतंकी बने दो उग्रवादी मुठभेड़ में ढेर
जम्मू : जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ये दोनों आतंकी पहले राज्य के पुलिस विभाग में ही कार्यरत थे जो कुछ महीने पहले यहां के पुलिसलाईन से हथियार लेकर फरार हो गये थे.सेना के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते […]
जम्मू : जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में सुरक्षाबलों ने मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार ये दोनों आतंकी पहले राज्य के पुलिस विभाग में ही कार्यरत थे जो कुछ महीने पहले यहां के पुलिसलाईन से हथियार लेकर फरार हो गये थे.सेना के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि डोडा जिले में दो आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया है.मारे गए दोनों उग्रवादियों की पहचान गुलाम नबी मंगनू उर्फ मौलवी (कूट नाम गुल्ला टेलर) और रियाज अहमद के तौर पर हुई है.
डोडा जिले में करीब चार साल बाद मुठभेड हुई है. अब इस जिले में उग्रवादियों की उपस्थिति लगभग नहीं के बराबर है. रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी एस एन आचार्य ने आज यहां बताया कि विशिष्ट सूचना के आधार पर जवानों ने दूरस्थ डोडा पट्टी में करीब आधी रात को एक अभियान चलाया.
आचार्य ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच हुई गोलीबारी में सुबह करीब साढे चार बजे दो उग्रवादी मारे गए. उन्होंने बताया कि उनके शव बरामद किए जा चुके हैं. उनके पास से एक एके रायफल, एक इन्सास (आईएनएसएएस) रायफल और कुछ गोलाबारुद मिला है. उन्होंने बताया ‘‘विस्तृत ब्यौरे की प्रतीक्षा की जा रही है.” जम्मू जोन के आईजी दानिश राणा ने बताया कि मुठभेड आज तडके हुई जिसमें यह दो पूर्व विशेष पुलिस अधिकारी :एसपीओ: मारे गए जिन्होंने पिछले माह पुलिस बल छोडा था और उग्रवाद में शामिल हो गए थे.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मुठभेड में मारे गए दोनों उग्रवादियों की पहचान गुलाम नबी मंगनू उर्फ मौलवी (कूट नाम गुल्ला टेलर) और रियाज अहमद के तौर पर हुई है. मौलवी पहले लश्कर ए तैयबा का जिला कमांडर था और उसने वर्ष 2010 में पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था. बाद में वह एसपीओ के तौर पर पुलिस में शामिल हो गया था। रियाज हिजबुल मुजाहिदीन का आतंकी था और 2010 में उसने समर्पण किया था. अधिकारियों ने बताया कि मौलवी 2003 में लश्कर ए तैयबा में और रियाज 1999 में हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हुआ था. ये दोनों सात और आठ सितंबर की रात को पुलिस बल से एक एके रायफल, एक इनसास रायफल और क्रमश: 60 तथा 70 कारतूस लेकर चले गए थे और फिर से उग्रवाद में शामिल हो गए थे.
राणा ने बताया ‘‘हम उन पर नजर रख रहे थे. आज गढी नाला में मुठभेड में दोनों मारे गए. पिछले कई वर्षों से इस इलाके में उग्रवाद नहीं है. दोनों एसपीओ हथियार ले कर भागे थे लेकिन कुछ ही समय में उनका हमने खात्मा कर दिया.” जून 2011 में यहां सुरक्षा बलों के साथ हुई एक मुठभेड में लश्कर ए तैयबा के दो उग्रवादी मारे गए थे.