वित्त मंत्रालय चाहता है सीबीआई बीओबी धोखाधडी मामले में तेजी लाए
नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय चाहता है कि सीबीआई बैंक आफ बडौदा की दिल्ली की एक शाखा से कथित तौर पर काले धन को विदेश भेजे जाने के मामले की जांच तेजी से पूरी करे ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके और धोखधडी की पूरी राशि का पता लगाया जा सके. एक शीर्ष अधिकारी […]
नयी दिल्ली : वित्त मंत्रालय चाहता है कि सीबीआई बैंक आफ बडौदा की दिल्ली की एक शाखा से कथित तौर पर काले धन को विदेश भेजे जाने के मामले की जांच तेजी से पूरी करे ताकि दोषियों पर कार्रवाई की जा सके और धोखधडी की पूरी राशि का पता लगाया जा सके.
एक शीर्ष अधिकारी ने कहा ‘‘हम चाहते हैं कि सीबीआई तेजी से जांच पूरी करे. फिलहाल हम नहीं जानते कि इस में 6,000 करोड रपए की राशि शामिल है या नहीं.’ पिछले सप्ताह सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में जांच शुरु की है. आरोप है कि बैंक की अशोक विहार शाखा से काजू, दाल और चावल के फर्जी आयात के लिए हांगकांग की फर्मों को अग्रिम भुगतान के तौर पर 6,172 करोड रुपए का काला धन भेजा गया.
यह भी आरोप है कि बैंक की वह धनराशि अशोक विहार शाखा में 59 खातों में नकद जमा की गयी थी और उसे आयात के लिए पेशगी के तौर पर दिखाया गया था. वहां से यह धन हांगकांग में कुछ चुनिंदा कंपनियों को भेजा गया. बैंक ने शेयर बाजार को बताया है कि इस शाखा ने मई 2014 से जून 2015 के बीच 59 चालू खाते खोले जिनके जरिए बडी मात्रा में विदेशी मुद्रा भेजी गई.
एक साल में कुल 5,853 बार में 54.61 करोड डालर (करीब 3,500 करोड रुपए) की राशि विदेश भेजी गई . इनमें 38 खातों से हांगकांग और संयुक्त अरब अमीरात की 400 पार्टियों (इकाइयों) को धन दिया गया. बैंक ने स्वीकार किया कि शाखा ने फेमा :विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम: के मानदंडों का पालन नहीं किया.
इस मामले में बैंक आफ बडौदा के दो अधिकारियों – एस के गर्ग और जैनीश दूबे – समेत छह व्यक्तियों को आपराधिक षडयंत्र, धोखाधडी और भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है.गर्ग बैंक आफ बडौदा की अशोक विहार शाखा में सहायक महाप्रबंधक और दूबे विदेशी मुद्रा प्रभाग के प्रमुख थे.