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रामदेव के भाई राम भरत पर दर्ज हुआ अपहरण का मामला

हरिद्वार : उत्तराखंड पुलिस ने योग गुरु रामदेव के भाई के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है. रामदेव के छोटे भाई राम भरत पर आरोप है कि उन्होंने योग गुरु के एक पूर्व कर्मचारी का अपहरण किया और उसे बंधक बनाकर रखने के दौरान मारा-पीटा. कनखल पुलिस स्टेशन के क्षेत्रधिकारी चंद्रमोहन नेगी ने कहा […]

हरिद्वार : उत्तराखंड पुलिस ने योग गुरु रामदेव के भाई के खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज किया है. रामदेव के छोटे भाई राम भरत पर आरोप है कि उन्होंने योग गुरु के एक पूर्व कर्मचारी का अपहरण किया और उसे बंधक बनाकर रखने के दौरान मारा-पीटा.

कनखल पुलिस स्टेशन के क्षेत्रधिकारी चंद्रमोहन नेगी ने कहा कि सोमदत्त नाम के एक शख्स ने कल योग गुरु के छोटे भाई राम भरत के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी कि उन्होंने उसके पोते नितिन त्यागी को अगवा किया और उसकी पिटाई की. नितिन रामदेव की पतंजलि योगपीठ का पूर्व कर्मचारी है.

नेगी ने बताया कि त्यागी को चंगुल से छुड़ा लिया गया है और कथित अपहरण के इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया गया है. नितिन के दादा की शिकायत के आधार पर राम भरत के खिलाफ आईपीसी की धारा 365 (अपहरण), 342 (गैर-कानूनी तरीके से बंधक बनाने के लिए सजा)और 323 (जानबूझकर चोट या जख्म देने के लिए सजा)के तहत मामला दर्ज किया गया है.

इस वाकये पर रामदेव ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस की ‘‘साजिश’’ है क्योंकि वह अपने दौरों के दौरान इस ‘‘पार्टी का पर्दाफाश’’ कर रहे हैं. उधर इंदौर में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में रामदेव ने कहा कि उन्हें बदनाम करने की खातिर उत्तराखंड सरकार ने यह मामला दर्ज किया है. रामदेव ने कहा कि उनका भाई ‘‘भगोड़ा’’ नहीं है और पुलिस ने अब तक उसे पूछताछ के लिए नहीं बुलाया है.

रामदेव के मुख्य प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने आरोप लगाया कि पतंजलि योगपीठ में ड्राइवर के तौर पर काम कर चुके नितिन ने करीब दो साल पहले 25 लाख रुपए कीमत के मशीन के पुर्जे और कई अन्य चीजें चुरायी थी. प्रवक्ता ने बताया कि नितिन कल पतंजलि योगपीठ परिसर में दाखिल हुआ और संदिग्ध परिस्थितियों में वहां पाया गया. तिजारावाला ने दावा किया कि योगपीठ कर्मियों ने उसे काबू में कर लिया और पुलिस को इसकी जानकारी दी पर वहां कोई नहीं पहुंचा.

उन्होंने कहा, ‘‘जब कोई नहीं आया और जब हम उसे पुलिस के हवाले करने जा रहे थे तो रास्ते में हमें पुलिस ने रोक लिया. नितिन को हिरासत में लिया गया और उसके खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय हमारे खिलाफ अपहरण का मामला दर्ज कर लिया गया.’’


रामदेव ने कहा,नेहरु को कहना चाहिए ‘मौत का महासौदागर’

भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु को वर्ष 1947 में देश के बंटवारे के वक्त के सांप्रदायिक दंगों में लाखों लोगों की मौत का ‘गुनाहगार’ बताते हुए योग गुरु रामदेव ने आज कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मौत का सौदागर’ कहती हैं, तो उन्हें नेहरु को ‘मौत का महासौदागर’ कहना चाहिये.

रामदेव ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी को मौत का सौदागर कहते वक्त क्या सोनिया भूल गयी थीं कि 1947 में जब देश का विभाजन हुआ, तब दंगों में करीब 10 लाख बेगुनाह लोगों की मौत हुई थी. इन मौतों के गुनाहगार नेहरु हैं. इसलिये वह जब मोदी को मौत का सौदागर कहती हैं, तो नेहरु को मौत का महासौदागर कहना चाहिये.’

योग गुरु ने कहा, ‘दंगे किसके शासनकाल में नहीं हुए. दंगे सिरफिरे लोग करते हैं. ऐसे लोग हर मजहब में हैं और समाज उन्हें कभी स्वीकार नहीं करता.’ उन्होंने एक सवाल पर कटाक्ष किया कि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सबसे बड़ी खूबी यह है कि उनके नाम के साथ गांधी उपनाम जुड़ा है. राहुल इतने भोले.भाले हैं कि वह बड़ी आसानी से कांग्रेस के ‘गुरुघंटालों’ के बहकावे में आ जाते हैं.

रामदेव ने कहा, ‘लोग कहते हैं कि मोदी घमंडी हैं. लेकिन इस दौर में यह (मोदी का घमंडी होना) चलेगा, क्योंकि देश में पूरे तंत्र को लकवा मार चुका है. मौजूदा प्रधानमंत्री न तो बोलते हैं, न ही सुनते हैं. उन्हें किसी राष्ट्रीय आपदा को लेकर कोई दर्द भी नहीं होता है.’ उन्होंने कहा कि राहुल के मुकाबले उनकी बहन प्रियंका गांधी का व्यक्तित्व ज्यादा करिश्माई है. लेकिन ‘पुत्र मोह’ के कारण राहुल को कांग्रेस में आगे बढ़ाया जा रहा है.

उत्तरप्रदेश के उन्नाव जिले में सोने के खजाने की बहुचर्चित खोज पर योग गुरु ने किसी भी टिप्पणी से साफ इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, ‘मैं इस मामले में पड़कर अपनी फजीहत नहीं कराना चाहता.’

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