बैंकों के फंसे कर्ज को लेकर सरकार चिंतित:चिदंबरम

नयी दिल्ली : बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) की बढ़ती राशि पर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार ऐसे बकाया रिणों की वसूली के लिए प्रत्येक सरकारी बैंक के 30 बड़े एनपीए खातों पर नजर रखेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक स्थिति उतनी खराब नहीं है जितनी बताई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2013 8:35 PM

नयी दिल्ली : बैंकों के फंसे कर्ज (एनपीए) की बढ़ती राशि पर चिंता जताते हुए वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आज कहा कि सरकार ऐसे बकाया रिणों की वसूली के लिए प्रत्येक सरकारी बैंक के 30 बड़े एनपीए खातों पर नजर रखेगी. उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक स्थिति उतनी खराब नहीं है जितनी बताई जा रही है.सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निष्पादन की समीक्षा के बाद वित्त मंत्री ने रिण वृद्धि दर पर संतोष जताया और बैंकों को आश्वासन दिया कि सरकार एक सप्ताह के भीतर बैंकों में 14,000 करोड़ रुपये पूंजी निवेश के तौर तरीकों को अंतिम रुप देगी.

सुस्त आर्थिक गतिविधि की धारणा दूर करने का प्रयास करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘‘चीजें उतनी खराब नहीं हैं जितनी पेश की जा रही हैं. नए प्रस्ताव रखे गए हैं जिन्हें मंजूर किया जा रहा हैं. चीजें आगे बढ़ रही हैं जिसके लिए मैं सीसीआई, पीएमजी और निवेशकों को धन्यवाद देता हूं.’’उन्होंने कहा कि निवेश से संबद्ध मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीआई) द्वारा परियोजनाओं को मंजूरी दिए जाने से रिण गतिविधियों में तेजी आई है. ‘‘तब भी नरमी है, चालू वित्त वर्ष में हमें 250-250 करोड़ रुपये से अधिक के 173 नए प्रस्ताव मिले हैं.’’

चिदंबरम ने कहा कि यद्यपि गैर.निष्पादित आस्तियां (एनपीए) आर्थिक नरमी के कारण हैं यह ‘अस्वीकार्य’ हैं और बैंकों को बट्टे खाते में डाले गये बकायों की वसूली के लिए एक अलग व्यवस्था करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘हम प्रत्येक जोन में प्रत्येक बैंक में 30 बड़े एनपीए खातों पर नजर रख रहे हैं. यह गंभीर चिंता का विषय है कि एक करोड़ रुपये से अधिक का रिण लेने वाले लोग भुगतान में चूक रहे हैं.’’

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