रेल की पटरियों के किनारे अब लगेंगे पेड़
नयी दिल्ली: अपनी हरित पहल को एक कदम आगे बढाते हुए रेलवे ने देशभर में रेल की पटरियों के किनारे हरित क्षेत्र बनाने का फैसला किया है जो मुसाफिरों को सुखद यात्रा का अनुभव करायेगा.इसे जल्द शुरु करने की उम्मीद है. यह पहल ऐसे समय आयी हैं जब सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने पर्यावरण अनुकूल कई […]
नयी दिल्ली: अपनी हरित पहल को एक कदम आगे बढाते हुए रेलवे ने देशभर में रेल की पटरियों के किनारे हरित क्षेत्र बनाने का फैसला किया है जो मुसाफिरों को सुखद यात्रा का अनुभव करायेगा.इसे जल्द शुरु करने की उम्मीद है. यह पहल ऐसे समय आयी हैं जब सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने पर्यावरण अनुकूल कई योजनाओं का प्रस्ताव किया है जिसमें बायो डिग्रेडेबल टायॅलैट, सौर उर्जा का दोहन और रेल इंजनों को सीएनजी से चलाना शामिल है.
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने बताया, ‘‘ एक और पहल हम अपनाने जा रहे हैं, जिस पर पर्यावरण मंत्रालय में चर्चा चल रही है. वो है रेलवे पटरियों के किनारे पेडों को लगाना। पूरे देश में हम इस तरह के पेड लगाना चाहेंगे जो वातस्व में पर्यावरण की सहायता करेंगे’ उन्होंने आगे की योजना के बारे विस्तार से नहीं बताया.
वह यहां ‘साइंस एक्सप्रेस क्लाइमेट एक्शन स्पेशल’ (सीईसीएएस) को रवाना करने के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री वाईएस चौधरी के साथ ही संबंधित मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे.
प्रभु ने कहा कि उनके मंत्रालय की मंशा सौर उर्जा का उत्पादन करने वाला सबसे बडा संस्थान बनने की है और यह सुनिश्चित करना है कि ट्रेनों का परिचालन जहां तक मुमकिन हो स्वच्छ उर्जा से हो.
उन्होंने कहा, ‘‘ प्रत्येक मंत्रालय को पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए कदम उठाने होते हैं इसलिए हमने पानी बचाने और बिजली की खपत कम करने के तरीक तलाशने के लिए पहली बार एक निदेशक :पर्यावरण: नियुक्त किया है. हम देश में सौर उर्जा उत्पादन करने वाला सबसे बडा संस्थान बनेंगे। जल्दी, हम जैसलमेर में पवन चक्की शुरू करेंगे.