पणजी : अमिताभ घोष, मारिया अरोडा काउतो समेत गोवा के साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखकों के एक समूह का मानना है कि नरेंद्र मोदी के शासन काल में देश में ‘‘बढ रही असहिष्णुता’ के खिलाफ प्रदर्शन के तौर पर पुरस्कार लौटाना वर्तमान समय में सही रास्ता नहीं होगा. देश में ध्रुवीकरण के माहौल और हाल में तर्कवादियों की हत्या के विरोध में पुरस्कार लौटा रहे अन्य लेखकों के विपरीत ये साहित्यकार चाहते हैं कि साहित्य अकादमी उनके मौलिक अधिकारों पर खतरे की आधिकारिक तौर पर निंदा करे और वे 23 अक्तूबर को अकादमी के कार्यकारी परिषद की बैठक की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
इसी बीच हैदराबाद से मिली खबर के अनुसार तेलुगू लेखक भूपाल रेड्डी ने आज कहा कि प्रगतिशील मानसिकता के लेखकों पर बढ रहे हमलों के खिलाफ प्रदर्शन के तौर पर उन्होंने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है. रेड्डी ने कहा ‘‘मैं कल या कल के बाद पुरस्कार लौटा दूंगा. हम लोगों ने देखा है कि सांप्रदायिक सौहार्द में कमी के कारण किस तरह एम एम कलबुर्गी की हत्या कर दी गयी. अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.’