SC ने 2012 के चुनावी हलफनामे पर मोदी के खिलाफ याचिका खारिज की

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी वैवाहिक स्थिति को लेकर कथित रूप से त्रुटिपूर्ण हलफनामा दाखिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को आज खारिज कर दिया. न्यायाधीश जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अहमदाबाद के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2015 2:08 PM

नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान अपनी वैवाहिक स्थिति को लेकर कथित रूप से त्रुटिपूर्ण हलफनामा दाखिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को आज खारिज कर दिया. न्यायाधीश जे चेलामेश्वर की अध्यक्षता वाली पीठ ने अहमदाबाद के एक व्यक्ति की ओर से दाखिल की गयी याचिका को खारिज कर दिया जिसने इस बारे में गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी. गुजरात उच्च न्यायालय ने मैरिट के अभाव का आधार बताते हुए इस याचिका पर गौर करने से इंकार कर दिया था.

अप्रैल 2014 में निशांत वर्मा द्वारा दाखिल की गयी शिकायत में मांग की गयी थी कि हलफनामे में अपनी वैवाहिक स्थिति ‘छुपाने’ के लिए मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए. शिकायत में कहा गया था कि मोदी ने वर्ष 2012 के विधानसभा चुनाव में मणिनगर विधानसभा सीट से दाखिल किये गये अपने नामांकन पत्र में अपनी वैवाहिक स्थिति छुपायी थी. उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे.

वर्मा ने अपनी शिकायत में आगे कहा है कि जब मोदी ने वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव लडा था तो उन्होंने पहली बार अपने हलफनामे में अपनी पत्नी का नाम दर्ज किया था. इस प्रकार वर्ष 2012 में मोदी ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 (ए) (3) के तहत अपराध किया था. धारा 125 (ए) (3 ) हलफनामा दाखिल करने के दौरान सूचना छुपाने से संबंधित है और इसमें छह महीने तक की जेल की सजा का प्रावधान है.

उच्च न्यायालय ने मोदी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग करने वाली याचिका को तीन जुलाई को खारिज कर दिया था और साथ ही निचली अदालत के इस तर्क को दरकिनार कर दिया था कि अपराध हुआ है लेकिन कोई कार्रवाई इसलिए नहीं की जा सकती क्योंकि याचिका एक साल से अधिक के लंबे अंतराल के बाद दाखिल की गयी है.

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