बीओबी जैसे मामलों पर नजर रखें जांच एजेंसियां
भुवनेश्वर: कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज यहां समीक्षा बैठक की और जांच एजेंसियों को अवैध धन को सफेद बनाने के लिये बैंकिंग चैनलों का उपयोग कर रही फर्जी कंपनियों और इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने को कहा। दिल्ली में बैंक आफ बडौदा की एक शाखा में ऐसा ही मामला […]
भुवनेश्वर: कालेधन पर गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने आज यहां समीक्षा बैठक की और जांच एजेंसियों को अवैध धन को सफेद बनाने के लिये बैंकिंग चैनलों का उपयोग कर रही फर्जी कंपनियों और इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने को कहा। दिल्ली में बैंक आफ बडौदा की एक शाखा में ऐसा ही मामला देखने को मिला.
एसआईटी बैठक की अध्यक्षता विशेष जांच दल के उपाध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) अरिजीत पसायत ने की। बैठक में आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), डीआरआई, सीबीआई तथा वित्त मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. सूत्रों ने कहा कि एसआईटी ने बीओबी मामले का जिक्र किया और इन एजेंसियों से ऐसे मामलों में कार्रवाई करने को कहा जहां कोई व्यक्ति या इकाइयां काले धन को ठिकाने लगाने के मकसद से अवैध आयात निर्यात कारोबार का सहारा लेने के लिये एक ही पते या गलत पते पर कई फर्जी कंपनियां पंजीकृत कराती हैं. सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक आफ बडौदा (बीओबी) मामले में काला धन सफेद करने के ऐसे ही तरीके का पता लगाया। मामले में पाया गया कि आरोपी ने करीब 59 फर्जी कंपनियों का उपयोग कर बैंक की अशोक विहार शाखा से लगभग 6,000 करोड रपये बाहर भेजे.
एसआईटी ने एजेंसियों को कुछ पहचान किये गये परमार्थ एवं शैक्षणिक संस्थानों द्वारा बनाये जा रहे और सृजित अवैध कोष, चंदा तथा धन के योगदान पर लगाम लगाने के मामलों पर भी नजर रखने को कहा है. विशेष जांच दल ने इन विभागों से ‘घरेलू’ क्षेत्रों पर निगरानी बढाने को कहा जहां काला धन सृजित हो रहा है और उसे ठिकाने लगाया जा रहा है.ऐसा समझा जाता है कि एसआईटी ने आयकर विभाग से इन फर्जी कंपनियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने और उनके कामकाज के बारे में ज्यादा सूचना एकत्रित करने को कहा.
सूत्रों के अनुसार कालेधन के साझा जांच वाले कुछ मामलों में आयकर विभाग और ईडी से आपस में बेहतर तालमेल बिठाने को भी कहा गया है. कालेधन पर विशेष जांच दल का गठन उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायधीश एम.बी. शाह की अध्यक्षता में पिछले साल मई में किया गया था। एसआईटी का गठन उच्चतम न्यायालय के आदेश पर किया गया.