लिव-इन पार्टनर की हत्या पर प्रेमी को उम्रकैद की सजा
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 44 साल के एक व्यक्ति को मां नहीं बन सकने पर अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है.अदालत ने कहा कि दोषी राजेश को बच्चे का जुनून था और जब उसकी लिव-इन पार्टनर मंजू मां नहीं बन सकी तो उसे लगा […]
नयी दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने 44 साल के एक व्यक्ति को मां नहीं बन सकने पर अपनी लिव-इन पार्टनर की हत्या करने के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है.अदालत ने कहा कि दोषी राजेश को बच्चे का जुनून था और जब उसकी लिव-इन पार्टनर मंजू मां नहीं बन सकी तो उसे लगा कि वह जान-बूझ कर ऐसा कर रही है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लाउ ने कहा, ‘‘सामने आ रहे तथ्यों ने मुझे बेहद उदास किया.
यह प्यार के एक रिश्ते का त्रासदीपूर्ण अंत है. निश्चित रुप से, मौजूदा मामला दुर्लभ से दुर्लभतम मामले या कम से कम दुर्लभ मामले की श्रेणी का नहीं है.’’ न्यायाधीश ने राजेश को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) के तहत उम्रकैद बामुशक्कत की सजा सुनाई और 10000 हजार रुपये का जुर्माना लगाया.
अदालत ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को हेड कांस्टेबल गिरि राज के खिलाफ भी कार्रवाई करने का निर्देश दिया क्योंकि उसने मंजू की इस शिकायत पर ध्यान नहीं दिया कि राजेश उसे पीटा करता है.