नयी दिल्ली : दिल्ली में लगातार बढ़ रही बलात्कार की घटनाओं पर अरविंद केजरीवाल सरकार कड़ा रुख अख्तियार करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली सरकार ने नाबालिगों के साथ बलात्कार के दोषी पाये जाने वाले लोगों के लिए सजा बढाने पर विचार करने की खातिर मंत्रियों का एक समूह गठित किया है. केजरीवाल ने कहा कि समय पर न्याय मिल जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएंगे. मंत्रियों का समूह इस बात पर विचार करेगा कि क्या नाबालिगों के बलात्कार के मामले में मृत्युदंड या उम्रकैद की सजा तय कर दी जाए? समूह घृणित अपराध में संलिप्त किशोरों की उम्र सीमा कम करने पर भी विचार करेगा.
केजरीवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा पर एक सप्ताह के भीतर जांच आयोग का गठन किया जाएगा. पिछले दिनों दिल्ली के दो अलग-अलग घटनाओं में दो मासूमों के साथ हुई गैंगरेप की घटना पर केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग पर निशाना साधते हुए कहा था कि क्या कर रहे हैं पीएम और एलजी. सता में आने से पूर्व दिल्ली में हुई रेप की घटनाओं के बाद केजरीवाल ने लगातार शीला दीक्षित सरकार पर हमला किया था. वहीं अब केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली की प्रशासन व्यवस्था पर केंद्र का नियंत्रण है. यही कारण है कि पुलिस का रवैया ढुलमुल है.
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली पुलिस की कमान उनके हाथों में होती तो शासन व्यवस्था का आलम कुछ और होता. उन्होंने ट्वीट कर नरेंद्र मोदी से कहा था कि वे एक साल के लिए दिल्ली पुलिस की बागडोर उनके हाथ में दे दें. अगर एक साल में कोई सुधार नहीं होता है तो पुन: दिल्ली पुलिस पर केंद्र का नियंत्रण रखा जाए. रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में ‘जंगल राज’ होने का उल्लेख करते हुए केजरीवाल ने कानून-व्यवस्था एक साल के लिए दिल्ली सरकार के सुपुर्द किए जाने का आह्वान किया.
उप राज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री से संवाददाताओं से कहा, ‘प्रधानमंत्री को यह समझ लेना चाहिए कि मैं शीला दीक्षित (पूर्व मुख्यमंत्री) नहीं हूं. मैं खामोश नहीं रहूंगा.’केजरीवाल ने कहा, ‘अगर दिल्ली में महिलाओं को उचित सुरक्षा नहीं मिलती और बलात्कार की घटनाएं जारी रहीं तो हम प्रधानमंत्री को चैन से नहीं सोने देंगे. यह गारंटी है.’ उन्होंने कहा कि उनकी सरकार महिलाओं की सुरक्षा के लिए सभी विकल्पों पर गौर कर रही है.