श्रीनगर: देश में अल्पसंख्यकों पर बढते हमलों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए प्रख्यात कश्मीरी लेखक एवं कवि मरगूब बनहाली ने आज अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया. बनहाली ने बताया, ‘‘भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले बढे हैं. जाहिद रसूल भट्ट पर हुए बर्बर हमले ने उसे आज दक्षिण कश्मीरमें कब्र में पहुंचा दिया.
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कश्मीरी लेखक मरगूब बनहाली ने साहित्य अकादमी लौटाया
श्रीनगर: देश में अल्पसंख्यकों पर बढते हमलों के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए प्रख्यात कश्मीरी लेखक एवं कवि मरगूब बनहाली ने आज अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया. बनहाली ने बताया, ‘‘भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले बढे हैं. जाहिद रसूल भट्ट पर हुए बर्बर हमले ने उसे आज दक्षिण कश्मीरमें कब्र में पहुंचा दिया. इस बर्बरता […]
इस बर्बरता के मद्देनजर मैंने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का फैसला किया है.” उन्हें 1979 में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था. उन्होंने 2010 की गर्मियोंमेंकश्मीर में हुए आंदोलन का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें तभी पुरस्कार लौटा देना चाहिए था जिसमें 115 लोगों की जानें गई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘देर आए दुरस्त आए…एक बेकसूर की मौत पर आज समूचा कश्मीर गमगीन है. ” उधमपुर में नौ दिन पहले एक पेट्रोल बम हमले में घायल हुए एक ट्रक के खलासी की मौत होने के एक दिन बाद बनहाली का यह फैसला आया है. दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग निवासी जाहिद उस ट्रक का खलासी था जिसके कश्मीर जाने के दौरान भीड ने नौ अक्तूबर को पेट्रोल बम से उस पर हमला किया था. कन्नड लेखक एमएम कलबुर्गी की हत्या और दादरी कांड को लेकर पिछले कुछ हफ्तोंमें34 से अधिक लेखकों ने अपना साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है
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