मंजूनाथ प्रारंभिक परीक्षा में सफल नहीं हुआ था

नयी दिल्ली : संघ लोकसेवा आयोग ने आज कहा कि आईएएस बनने की लालसा रखने वाले मंजूनाथ ने यहां तक कि प्रारंभिक परीक्षा में भी सफलता नहीं हासिल की थी. मंजूनाथ ने सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे में कथित तौर पर गड़बड़ी को लेकर आत्महत्या कर ली थी. यूपीएससी ने आज इस बात का खंडन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2013 1:36 PM

नयी दिल्ली : संघ लोकसेवा आयोग ने आज कहा कि आईएएस बनने की लालसा रखने वाले मंजूनाथ ने यहां तक कि प्रारंभिक परीक्षा में भी सफलता नहीं हासिल की थी. मंजूनाथ ने सिविल सेवा परीक्षा के नतीजे में कथित तौर पर गड़बड़ी को लेकर आत्महत्या कर ली थी.

यूपीएससी ने आज इस बात का खंडन किया कि अंतिम नतीजे में कोई गड़बड़ी हुई जैसा मीडिया में खबर आई है. यूपीएससी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस और अन्य सेवाओं के लिए उम्मीदवारों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित परीक्षा लेती है. यूपीएससी के अनुसार वी वाई मंजूनाथ नाम के एक उम्मीदवार ने सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2012 के लिए आवेदन भरा था. उसके पिता का नाम यादव मूर्ति वीपी है.

आयोग ने कहा, ‘‘उसे 538950 क्रमांक आवंटित किया गया था और इस परीक्षा के लिए उसका परीक्षा केंद्र बेंगलूर में था. यह उम्मीदवार वास्तव में इस केंद्र से क्रमांक 538950 के तहत परीक्षा में बैठा लेकिन वह सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा, 2012 में सफल होने में विफल रहा.’’ आयोग ने कहा कि चूंकि, वी वाई मंजूनाथ प्रारंभिक परीक्षा में सफल नहीं हुआ इसलिए वह सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए उम्मीदवार नहीं था और इसलिए मुख्य परीक्षा और उसके बाद साक्षात्कार में सम्मिलित नहीं हुआ, जैसा कि प्रेस के एक हिस्से ने दावा किया है.

यूपीएससी ने कहा कि हमारे रिकॉर्ड से भी इस बात की पुष्टि हुई है कि इस क्रमांक (538950) या (मंजूनाथ वी वाई) नाम से कोई उम्मीदवार सिविल सेवा मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार में सम्मिलित नहीं हुआ. बेंगलूर के श्रीरामपुरा के रहने वाले 24 वर्षीय मंजूनाथ ने कथित तौर पर गत 10 मई को एक निर्माणाधीन इमारत में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उसने आत्महत्या कोडागू इलाके में अपने मित्र के घर के लिए रवाना होने के बाद की थी. पुलिस के अनुसार वह यूपीएससी के नतीजे में गड़बड़ी को लेकर परेशान था. पुलिस ने कहा था कि मंजूनाथ इस साल की सिविल सेवा परीक्षा में चयनित उम्मीदवारों की सूची में अपने क्रमांक के तहत किसी और का नाम पाकर परेशान था.

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