FTII विवाद : छात्रों व सरकार के बीच बातचीत के बाद भी गतिरोध जारी

नयी दिल्ली: एफटीआईआई के आंदोलनरत छात्रों ने आज सरकार के साथ एक और दौर की बातचीत की, लेकिन चार माह पहले गजेन्द्र चौहान को संस्थान का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद शुरू हुए गतिरोध के तत्काल समाप्त होने के अभी कोई आसार नहीं हैं. पुणे स्थित इस प्रतिष्ठित फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के छात्र चौहान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2015 7:51 PM

नयी दिल्ली: एफटीआईआई के आंदोलनरत छात्रों ने आज सरकार के साथ एक और दौर की बातचीत की, लेकिन चार माह पहले गजेन्द्र चौहान को संस्थान का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद शुरू हुए गतिरोध के तत्काल समाप्त होने के अभी कोई आसार नहीं हैं.

पुणे स्थित इस प्रतिष्ठित फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान के छात्र चौहान और सोसायटी के चार सदस्यों को हटाने की मांग कर रहे है. मामले को सुलझाने के लिए सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्द्धन सिंह राठौर के साथ उनकी पांचवें दौर की बातचीत करीब तीन घंटे चली.
बैठक के दौरान आंदोलन के कारण हुए पढाई के नुकसान सहित विभिन्न मामलों पर बात की गयी. हालांकि चार महीने से चल रही हडताल तत्काल समाप्त होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं.संवाददाताओं से बात करते हुए राठौर ने कहा कि बैठक के दौरान पेचीदा मसलों पर बात हुई, जिसमें 2008 का बैच अब तक अपना पाठ्यक्रम पूरा नहीं कर पाया है और 2011 का बैच अपने पाठ्यक्रम का एक साल ही पूरा कैसे कर पाया है आदि मुद्दे शामिल हैं.
राठौर ने कहा, ‘‘अगर हमें और स्टूडियो लेने पडें या हमें मुंबई में दूरदर्शन के स्टूडियो मुहैया कराने पडें, मुख्य बात यह है कि छात्र अपना पाठ्यक्रम पूरा करें, डिप्लोमा लें और अपने जीवन में कुछ करें। छात्रों के लिए यह सबसे जरुरी चीज है.’ चौहान और सोसायटी के कुछ सदस्यों को हटाने की मांग के बारे में मंत्री ने कहा कि एफटीआईआई सोसायटी सभी सदस्यों के परामर्श से गठित की गई थी और सभी को स्वीकार्य थी. ‘‘हालांकि बाद में कुछ लोगों ने अलग राय जाहिर की.’
एक संवाददाता ने सवाल किया कि क्या चौहान की एफटीआईआई परिषद प्रमुख के पद पर ‘‘विवादपूर्ण’ नियुक्ति पर भी बात हुई, राठौर ने दावा किया कि यह मुद्दा ‘‘विवादपूर्ण नहीं है.’ हालांकि इस बारे में छात्रों की राय कुछ अलग थी. उन्होंने कहा कि सिर्फ चौहान ही नहीं एफटीआईआई सोसायटी के चार अन्य सदस्यों की नियुक्ति भी विवादपूर्ण है.
आंदोलनकारी छात्रों में से एक विकास उर्स ने कहा कि वह वापस जाकर अन्य छात्रों के साथ सलाह मशवरे के बाद आगे की रणनीति तय करेंगे.उन्होंने कहा, ‘‘हमने चौहान सहित तमाम नियुक्तियों और अन्य तमाम मुद्दों पर बात की. मंत्रालय ने कहा कि वह वापस जाकर विचार करेंगे और हम भी हमारे परिसर में वापस जाएंगे और इस सब पर बात करेंगे.’ उर्स ने कहा कि छात्रों ने मंत्रालय से कहा है कि वह सिर्फ गजेन्द्र चौहान ही नहीं बल्कि सोसायटी के चार सदस्यों की नियुक्ति पर भी दोबारा विचार करें. ‘‘सभी पांचों नियुक्तियां विवादपूर्ण हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या बातचीत की कोई और तारीख तय की गई है, उर्स ने कहा कि इस बारे में सूचना और प्रसारण मंत्रालय से पूछा जाना चाहिए.

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