लालू-नीतीश ”चोर-चोर मौसेरे भाई” : भाजपा मुखपत्र

नयी दिल्ली : कभी घोर प्रतिद्वंद्वी रहे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ आने पर भाजपा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘‘चोर-चोर अब मौसेरे भाई हो गए हैं.’ बिहार विधानसभा चुनाव में जदूय-राजद-कांग्रेस महागठबंधन की कडी चुनौती का सामना कर रही भाजपा ने कहा, ‘‘भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं के कंधे पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2015 4:21 PM

नयी दिल्ली : कभी घोर प्रतिद्वंद्वी रहे नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के साथ आने पर भाजपा ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘‘चोर-चोर अब मौसेरे भाई हो गए हैं.’ बिहार विधानसभा चुनाव में जदूय-राजद-कांग्रेस महागठबंधन की कडी चुनौती का सामना कर रही भाजपा ने कहा, ‘‘भाजपा के हजारों कार्यकर्ताओं के कंधे पर चढकर नीतीश कुमार को नेता बनाया गया, पर नीतीश को यह गलतफहमी रही कि वो जो कुछ हैं अपने दम पर हैं, जो सच नहीं था.

भाजपा बिहार की जनता को जंगलराज से मुक्ति दिलाना चाहती थी. लेकिन बिहार में स्थिति यह बन गयी है कि अब चोर चोर मौसेरे भाई हो गए हैं.’ भाजपा के मुखपत्र कमल संदेश के नए अंक के संपाद्कीय में यह बातें कही गई हैं. इसमें कहा गया, ‘‘कुर्सी ने नीतीश को इतना नीचे गिरा दिया जिसकी कल्पना आम जनता ने नहीं की थी.

अपनी कुर्सी के लिए नीतीश ने न केवल लालू प्रसाद का बल्कि उस कांग्रेस का समर्थन ले लिया, जिसका उन्होंने समाजवादी नेता के नाते बचपन से विरोध किया था.’ इसमें दावा किया गया, ‘‘बिहार की जनता साफ तौर पर वर्तमान नीतीश कुमार से नाराज है. जनता का कहना है कि नीतीश ने भाजपा को जहां धोखा दिया, वहीं बिहार की जनता को भी उन्होंने लालू को साथ लेकर धोखा दिया है. …नीतीश सत्ता के लिए कहां तक गिर गए हैं.’

भाजपा मुखपत्र के अनुसार जीतन राम मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटा कर नीतीश कुमार का दलित प्रेम का भांडा स्वयं ही फूट गया है और लालू प्रसाद एवं कांग्रेस ने नीतीश कुमार को समर्थन देकर अपना दलित विरोधी रवैया जनता के सामने ला दिया है.

संपाद्कीय में कहा गया, लोकसभा चुनाव में राजग के पक्ष में मत देकर बिहार की जनता ने नीतीश कुमार का अहंकार बुरी तरह से तोड दिया, बावजूद इसके उनका अहम चूर नहीं हुआ. लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव के नतीजे नीतीश कुमार को पूरी तरह से आईना दिखा देंगे.

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