संविधान में समाधान नहीं पाने वालों को साथ लेकर चले सरकार : उमर

श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारत सरकार को ऐसे लोगों को अपने साथ शामिल करने की जरुरत है जिन्हें भारत के संविधान में समाधान नजर नहीं आता. उन्होंने दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधिमंडल से कहा, ‘‘जो लोग भारत के संविधान में समाधान नहीं देखते उन्हें साथ लेकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2015 6:30 AM
श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारत सरकार को ऐसे लोगों को अपने साथ शामिल करने की जरुरत है जिन्हें भारत के संविधान में समाधान नजर नहीं आता.
उन्होंने दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधिमंडल से कहा, ‘‘जो लोग भारत के संविधान में समाधान नहीं देखते उन्हें साथ लेकर चलने और समाधान तलाशने की जरुरत है.’ जम्मू कश्मीर की आधिकारिक यात्रा पर आये प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कनाडा के उप उच्चायुक्त जेस डटन ने की.
नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकारी अध्यक्ष उमर ने कहा कि भारत में जम्मू कश्मीर के विलय में बदलाव नहीं होगा.उन्होंने कहा, ‘‘विलय एक सहमति के आधार पर था. जहां अन्य सभी राज्य मान गये और फिर मिल गये लेकिन जम्मू कश्मीर एक सहमति के आधार पर माना जो रक्षा, विदेश मामलों, संचार और मुद्रा पर आधारित थी.’ उन्होंने कहा, ‘‘हमारा रोडमैप स्पष्ट है कि आप एकतरफा सहमति नहीं रख सकते. जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा बना हुआ है लेकिन जिन शर्तों पर विलय हुआ, उन पर आप बदल गये.’
उमर ने कहा, ‘‘इसलिए उन्हें जम्मू कश्मीर और शेष देश के बीच मौजूद स्वायत्तता पूरी तरह बहाल करने की जरुरत है.’ अंतरराष्ट्रीय मोर्चे पर जटिल मुद्दे के संबंध में उमर ने कनाडाई प्रतिनिधिमंडल से कहा कि समाधान निकलने के लिए हमें सुनिश्चित करना होगा कि कोई पक्ष जीत का दावा नहीं करे.
देश के माहौल पर चिंता जताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भारत के राष्ट्रपति ने तीन हफ्तों में तीन बार जो बात कही है, वह हालात की गंभीरता की ओर इशारा करती है.’

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