नागपुर : दादरी में एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डालने जैसी घटनाओं पर देश में पैदा हुए आक्रोश के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि ‘बढा चढा कर पेश की गयी’ ‘छोटी छोटी घटनाएं’ हिंदू संस्कृति को नुकसान नहीं पहुंचा सकती और देश हमेशा ‘एक रहेगा.’ भागवत ने कहा, ‘छोटी-छोटी घटनाएं होती हैं. उन्हें बढा चढाकर पेश किया जाता है छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं लेकिन ये भारतीय संस्कृति, हिंदू संस्कृति को विकृत नहीं करती. प्राचीन काल से यह विभिन्नता का सम्मान करती है, एकता स्थापित करने के लिए भिन्नताओं के बीच समन्वय करती है यह हिंदूत्व है.’
यहां संघ के मुख्यालय में दशहरा पर्व पर अपने वार्षिक संबोधन में भागवत ने कहा, ‘हमारा देश एकजुट रहा है और एकजुट रहेगा. संघ पिछले 90 साल से देश को हिंदुत्व के आधार पर एकजुट रखने के लिए काम करता आ रहा है.’ उनके संबोधन का लगातार दूसरे साल दूरदर्शन ने सीधा प्रसारण किया. भागवत ने हालांकि सांप्रदायिक और जातीय तनाव की हालिया घटनाओं का सीधा जिक्र नहीं किया.
उन्होंने विश्व मंच पर भारत की प्रतिष्ठा को मजबूती प्रदान करते हुए देश को ‘निराशा’ के माहौल से निकाल कर उसमें ‘उम्मीद और विश्वास’ का माहौल पैदा करने के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार की सराहना की. संघ प्रमुख ने कहा, ‘दो साल पहले निराशा का माहौल था. अब हमें चिंता नहीं है. अब उम्मीद और विश्वास का माहौल पैदा हुआ है इसलिए बहुत ऊंची उम्मीदें हैं.’ उन्होंने साथ ही कहा कि जन धन, स्वच्छ भारत और मुद्रा बैंक योजनाएं तथा गैस सब्सिडी को त्यागना एक ‘अच्छा शगुन’ है. उन्होंने कहा, ‘हालांकि अर्थव्यवस्था को रसातल से निकाल कर लाने में कुछ समय लगता है.’
उन्होंने कहा कि वामपंथियों और कांग्रेसियों की अफवाहों का मुकाबला अब पहले से कठिन काम है. हमे संपूर्ण विश्व को नेतृत्व देने वाले भारत का निर्माण करना है. इस लक्ष्य को लेकर सजगता और स्पष्टता से चलने की आवश्यकता है. संबोधन में भागवत ने मोदी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि आज देश में विश्वास का माहौल है. दुनिया में भारत का सम्मान. मोदी सरकार ने पूरी दुनिया में भारत की साख मजबूत की है. सरकार के प्रयासों की वजह से ही योग और गीता की दुनिया भर में चर्चा है. उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया का सिरमौर बनाना है. संघ प्रमुख ने कहा कि दुनिया में भारत नये रूप में उभर रहा है. जब भी कहीं विपत्ति आती है तो भारत मदद के लिए आगे बढ़ता है.
अब दुनिया को भारत से अपेक्षाएं हैं. भारत ने हमेशा सभी संस्कृतियों से गहरा नाता और स्नेह रखा है. उन्होंने कहा कि सारी दुनिया से अच्छे विचार लेना हमारी परंपरा रही है और हमें अपना विकास अपने मूल्यों पर करना है. हमारा विकास समन्वय पर आधारित है. आज भारत की छवि दुनिया के सबसे विश्वस्त देश के रूप में बनी है. यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि विरासत में मिली समस्याओं को ठीक करने और विकास की राह पर देश को आगे ले जाना में थोड़ा समय लगेगा. इसके लिए जनता और प्रतिनिधियों के बीच बातचीत होना भी जरूरी है. फीडबैक लेना बेहद आवश्यक हो गया है.
रावन एक कुशल शासक लेकिन हम राम राज्य चाहते हैं
भागवत ने कहा कि रावन भी एक कुशल शासक था. यहांतक कि मरनासन रावन के पास प्रभु श्रीराम ने लक्ष्मण को भेजा था कि जाओ रावण से राजतंत्र की शिक्षा लेकर आओ. इसके बावजूद हमसब राम राज की कामना करते हैं. रावण राज कोई नहीं चाहता है. इसी प्रकार अच्छाई की ताकत को पहचानने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि रावण बड़े रामाज्य का वैभवसंपन्न और बुद्विसंपन्न व्यक्ति था. भारत ने भौतिक उतार-चढाव की यात्रा बहुत देखी है. भारत विकसित देशों के साथ कई विविधता को देख चुका है. उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम की बात कही.
फडणवीस और गडकरी हाफ पैंट में मौजूद
आज के समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी भी पहुंचे हैं. दोनों ही भाजपा नेता संघ की पारंपरिक पोशाक में समारोह में पहुंचे है, जो मीडिया की सुर्खियों में हैं. इसके बावजूद कुछ बड़े पत्रकारों का कहना है कि आरएसएस फडणवीस की पाठशाला है और हर किसी को अपने पाठशाला में जाने का अधिकार है. फड़णवीस संघ से ही प्रशिक्षित है तो उनका वहां होना कोई आश्चर्य की बात नहीं है. आरएसएस प्रमुख आज संगठन के वर्षभर के कार्यों का लेखा जोखा कार्यकर्ताओं के साथ साझा करते हैं और महत्वपूर्ण घटनाओं पर अपनी राय रखी हैं.
हिंदू तिथि के अनुसार दशहरे के दिन ही आरएसएस का स्थापना दिवस भी होता है. आरएसएस के एक पदाधिकारी ने कहा कि भागवत जी स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे और वर्ष के लिए संगठन का एजेंडा बताएंगे. विभिन्न हिंदुवादी संगठनों और नेताओं के हाल ही में कई विवादों में शामिल होने की पृष्ठभूमि में आरएसएस प्रमुख का यह संबोधन खास अहमियत रखता है. हाल ही में अपने कुछ वक्तव्यों में उन्होंने आरक्षण प्रणाली की समीक्षा का सुझाव दिया था, जिसकी विपक्षी दलों ने भारी आलोचना की और भाजपा को अपने संरक्षक से दूरी बनाने पर मजबूर होना पड़ा.
हिंसा स्वीकार्य नहीं : भैयाजी जोशी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस विजया दशमी से एक दिन पहले संघ के सर कार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी ने बुधवार को कहा कि संघ को हिंसा स्वीकार्य नहीं है और हिंसा की घटना के पीछे के वास्तविक कारण सामने आने चाहिए. उन्होंने देश में हिंसा की हालिया घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. दादरी की घटना के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘हम किसी तरह की हिंसा का समर्थन नहीं करते. हिंसा का यह तरीका हमें स्वीकार्य नहीं है. हिंसा के पीछे के वास्तविक कारणों को सामने लाने की जरुरत है.’
जब उनसे पूछा गया कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर देरी से प्रतिक्रिया दी तो उन्होंने केवल इतना कहा, ‘मैं इस पर कुछ नहीं कह सकता. इस पर वही बोल सकते हैं.’ जोशी ने पाकिस्तानी कलाकारों के खिलाफ शिवसेना के गुस्से को राजनीतिक बताया और कहा कि इसके पीछे राजनीतिक कारण हैं. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की इस राय का समर्थन किया कि शिवसेना के विरोध प्रदर्शन से राज्य का नाम खराब हुआ है लेकिन उन्होंने इस तरह की धारणा को खारिज कर दिया कि इस मुद्दे से भाजपा और शिवसेना में दरार आ गयी है.
जोशी ने कहा, ‘केवल भाजपा और शिवसेना नहीं बल्कि सभी राजनीतिक दलों को मिलकर पाकिस्तान का विरोध करना चाहिए.’ इससे पहले एक कार्यक्रम में विदेश नीति पर मोदी सरकार की प्रशंसा करते हुए जोशी ने कहा, ‘हमने कभी कमजोर पडोसी पर हमला नहीं किया. छोटे देश उम्मीद के साथ भारत को देख रहे हैं. मौजूदा नेतृत्व ने दुनिया को आश्वस्त किया है कि हम उनके साथ होंगे.’