सहिष्णुता पर लेक्चर की जरुरत नहीं : शिवसेना

मुंबई : शिवसेना के आक्रामक विरोध को खारिज करने वाले केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बयान से नाराज शिवसेना ने आज पलट वार करते हुए कहा कि किसी को सहिष्णुता पर महाराष्ट्र को लेक्चर नहीं देना चाहिए और दावा किया कि वह अकेली पार्टी है जिसने सत्ता की खातिर ‘‘कभी लोगों से दगा नहीं किया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2015 5:21 PM

मुंबई : शिवसेना के आक्रामक विरोध को खारिज करने वाले केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के बयान से नाराज शिवसेना ने आज पलट वार करते हुए कहा कि किसी को सहिष्णुता पर महाराष्ट्र को लेक्चर नहीं देना चाहिए और दावा किया कि वह अकेली पार्टी है जिसने सत्ता की खातिर ‘‘कभी लोगों से दगा नहीं किया है.’ भाजपा पर चुटकी लेते हुए सहयोगी पार्टी ने कहा कि जो सरकार में हैं उन्हें पाकिस्तान को निशाना बनाने के शिवसेना के राष्ट्रीय अभियान में मदद करनी चाहिए, लेकिन सत्ता बुद्धि भ्रष्ट कर देती है और ‘‘100 बारामती दिख सकती है.’

जेटली ने हाल ही में राकांपा प्रमुख शरद पवार के गृहनगर बारामती में कहा था, ‘‘अगर हमारे 100 शहर बारामती की तरह विकास कर लें तो हमारा देश सचमुच विकसित हो सकता है.’ शिवसेना ने कहा कि सरकार बदल गई हैं लेकिन चिंता के मुद्दे बरकरार रहे हैं. पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ में चुटकी लेते हुए शिवसेना ने अपने एक संपादकीय में कहा, ‘‘कश्मीर में मुफ्ती मोहम्मद सईद का समर्थन करने और मुंबई में पूर्व पाकिस्तान मंत्री को सुरक्षा देने से सहिष्णुता बढती है.’ केंद्र और राज्य की सरकारों में भाजपा की सहयोगी शिवसेना पाकिस्तान के साथ सांस्कृतिक एवं खेल रिश्तों के खिलाफ आक्रामक विरोध के चलते आलोचना का शिकार हो रही है.

शिवसेना के संपादकीय में आश्चर्य जताया गया है कि पाकिस्तानी गायक गुलाम अली का कंसर्ट न होने देने और पाकिस्तान के पूर्व मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी के किताब विमोचन कार्यक्रम का विरोध करने से आखिर कैसे भारत की सहिष्णुता की संस्कृति खतरे में पड गई. संपादकीय में कहा गया है कि किसी लोकतंत्र में सडकों पर राजनीतिक पार्टियों का विरोध अहम है. अन्यथा, राजनीतिक संघर्ष अतीत की चीज हो जाएगी.

शिवसेना ने सवाल किया, ‘‘पाकिस्तान की भारत विरोधी गतिविधियों के चलते प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बुलेट प्रूफ शीशे के पीछे से राष्ट्र को संबोधित करना पडा है. पाकिस्तान हमारे जवानों की हत्या करेगा, हमें खतरे में डालेगा। क्या हम अपने शहीदों के खून पर पाकिस्तानियों के लिए लाल कालीन बिछाएं.’

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